Tuesday 10 September 2019

परिवार की जिम्मेवारी उठाने वाला सदस्य
अक्सर तन्हा और उपेक्षित क्यूँ होता है...😒

#SwetaBarnwal 
खामोशियां ही बेहतर है जीवन में
लफ़्ज़ों से अक्सर रिश्ते टूट जाते हैं... 😒

#SwetaBarnwal 

ऐ विधाता...!

 ऐ विधाता...! ना जाने तू कैसे खेल खिलाता है...  किसी पे अपना सारा प्यार लुटाते हो, और किसी को जीवन भर तरसाते हो,  कोई लाखों की किस्मत का माल...