मैं हिन्दू हूँ,
भारत माँ के मस्तक का
मैं एक चंद्र बिंदु हूँ,
शोभा हूँ, श्रृंगार हूँ,
भारत का मैं गौरव हूँ,
अतीत हूँ, वर्तमान हूँ,
मैं ही भारत का भविष्य हूँ
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
हर वक़्त अमन और चैन की बात मैं करता रहता हूँ,
हिन्दू मुस्लिम भाई भाई का राग अलापता रहता हूँ,
हजारों बार लुटने पर भी और लुटने की हिम्मत रखता हूँ,
Secular बन अपने ही भाई बहनों को मैं डसता हूँ,
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
वो घर में मेरे आग लगाए
और मैं वसुधैव कुटुम्बकम की बात करता हूँ,
वो आतंकवाद का नंगा नाच करते हैं
और मैं सौहार्द की ढाल रखता हूँ,
कभी पेट्रोल बम तो कभी Corona बम लेकर आते हैं
और मैं भीगी बिल्ली सा कहीं कोने में छुप जाता हूँ,
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
धमनियों मे बह रहा खून मेरा अब पानी हो गया है,
घुट घुट कर जीने का ही नाम जवानी हो गया है,
एक ललकार पर निकल पड़े सभी ये ख्याल अब बेमानी हो गया है,
बप्पा रावल की तलवार बस एक कहानी हो गया है
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
धर्म रक्षा के ख़ातिर जो प्राण लुटाना जानते थे,
आज वो कश्मीरी मात्र शरणार्थी हो गए हैं,
हमारे धर्म का मजाक उड़ता रहा और मैं मौन रहा,
धर्म निरपेक्ष की दौड़ में बस मैं अकेला दौड़ पड़ा,
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
“अहिंसा परमो धर्मः" इतना तो मुझको याद रहा
"धर्म हिंसा तथैव च:” ना जाने ये कैसे भूल गया,
वो अफजल, अख़लाक़ और कसाब का चारा हमे बनाते रहे,
देश धर्म की बलिवेदी पर ना जाने क्यूँ अब तक मैं मौन रहा,
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
मर जाये ग़र कभी धर्म देश का,
कहते हैं वो देश भी ज़िन्दा नहीं रहता ज़मी पर,
हाँ कल तक थोड़ा मदहोश था मैं,
अपने ही ख्यालों में गुम बैठा हुआ सा,
पर मत सोचना कि मैं सोया हुआ हूँ,
बस तेरे क्रूर चालों से थोड़ा आहत पड़ा हूँ
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
जाग उठा हूँ आज मैं, अब तुम्हें जगाने आया हूँ,
हमको काफिर कहने वालों को मैं आज सुलाने आया हूँ,
बुजदिल थे वो जो देश धर्म को छोड़ कश्मीर से भागे,
हस्ती मिट्टी मे मिल जाती उनकी ग़र सौ भी हथियार उठाते,
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
अरे वो भी हिन्दू थे जिसने मातृभूमि पर अपने लाल लुटाये,
लड़ते लड़ते मिल गए मिट्टी में पर शीश नहीं झुकाए,
गोरी, गज़नी, अकबर, बाबर के अत्याचारों का प्रहार हूँ मैं,
पृथ्वीराज, प्रताप, शिवा का संबल इतिहास हूँ मैं,
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
ना जाने कितने ही ज़ुल्म सहे है मैंने,
दिल पर लगे ज़ख्म कैसे मैं दिखलाऊँ,
क्या क्या सहा है मैंने ये कैसे बतलाऊँ,
ना जाने कितनों ने ही लुटा है मुझको बारी बारी,
फ़िर भी देखो अब तक मैंने ना हिम्मत हारी,
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
#SwetaBarnwal
भारत माँ के मस्तक का
मैं एक चंद्र बिंदु हूँ,
शोभा हूँ, श्रृंगार हूँ,
भारत का मैं गौरव हूँ,
अतीत हूँ, वर्तमान हूँ,
मैं ही भारत का भविष्य हूँ
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
हर वक़्त अमन और चैन की बात मैं करता रहता हूँ,
हिन्दू मुस्लिम भाई भाई का राग अलापता रहता हूँ,
हजारों बार लुटने पर भी और लुटने की हिम्मत रखता हूँ,
Secular बन अपने ही भाई बहनों को मैं डसता हूँ,
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
वो घर में मेरे आग लगाए
और मैं वसुधैव कुटुम्बकम की बात करता हूँ,
वो आतंकवाद का नंगा नाच करते हैं
और मैं सौहार्द की ढाल रखता हूँ,
कभी पेट्रोल बम तो कभी Corona बम लेकर आते हैं
और मैं भीगी बिल्ली सा कहीं कोने में छुप जाता हूँ,
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
धमनियों मे बह रहा खून मेरा अब पानी हो गया है,
घुट घुट कर जीने का ही नाम जवानी हो गया है,
एक ललकार पर निकल पड़े सभी ये ख्याल अब बेमानी हो गया है,
बप्पा रावल की तलवार बस एक कहानी हो गया है
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
धर्म रक्षा के ख़ातिर जो प्राण लुटाना जानते थे,
आज वो कश्मीरी मात्र शरणार्थी हो गए हैं,
हमारे धर्म का मजाक उड़ता रहा और मैं मौन रहा,
धर्म निरपेक्ष की दौड़ में बस मैं अकेला दौड़ पड़ा,
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
“अहिंसा परमो धर्मः" इतना तो मुझको याद रहा
"धर्म हिंसा तथैव च:” ना जाने ये कैसे भूल गया,
वो अफजल, अख़लाक़ और कसाब का चारा हमे बनाते रहे,
देश धर्म की बलिवेदी पर ना जाने क्यूँ अब तक मैं मौन रहा,
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
मर जाये ग़र कभी धर्म देश का,
कहते हैं वो देश भी ज़िन्दा नहीं रहता ज़मी पर,
हाँ कल तक थोड़ा मदहोश था मैं,
अपने ही ख्यालों में गुम बैठा हुआ सा,
पर मत सोचना कि मैं सोया हुआ हूँ,
बस तेरे क्रूर चालों से थोड़ा आहत पड़ा हूँ
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
जाग उठा हूँ आज मैं, अब तुम्हें जगाने आया हूँ,
हमको काफिर कहने वालों को मैं आज सुलाने आया हूँ,
बुजदिल थे वो जो देश धर्म को छोड़ कश्मीर से भागे,
हस्ती मिट्टी मे मिल जाती उनकी ग़र सौ भी हथियार उठाते,
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
अरे वो भी हिन्दू थे जिसने मातृभूमि पर अपने लाल लुटाये,
लड़ते लड़ते मिल गए मिट्टी में पर शीश नहीं झुकाए,
गोरी, गज़नी, अकबर, बाबर के अत्याचारों का प्रहार हूँ मैं,
पृथ्वीराज, प्रताप, शिवा का संबल इतिहास हूँ मैं,
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
ना जाने कितने ही ज़ुल्म सहे है मैंने,
दिल पर लगे ज़ख्म कैसे मैं दिखलाऊँ,
क्या क्या सहा है मैंने ये कैसे बतलाऊँ,
ना जाने कितनों ने ही लुटा है मुझको बारी बारी,
फ़िर भी देखो अब तक मैंने ना हिम्मत हारी,
हाँ मैं हिन्दू हूँ...
#SwetaBarnwal