बस चार दिन की है ये ज़िंदगानी,
इतनी सी है यारों अपनी कहानी
जो है बस आज है इस पल में है
कल क्या होगा किसी ने ना जानी
कभी खुशियों की लड़ी है ये
कभी आँसुओं मे डूबी दर्द की घड़ी है ये
कभी हौसलों से निखरती है ये
कभी ठोकरों से टूट कर बिखरती है ये ज़िंदगानी
बस कुछ लम्हों की है ये ज़िंदगानी
मरने से पहले संवार ले ये ज़िंदगानी
किसी का साथ ले ले या किसी का सहारा बन जा
प्यार से बस संवर जाएगी ये ज़िंदगानी
कुछ ऐसा कर गुज़र जा इस ज़िंदगानी
यादों में सबके इस कदर बसा जा ये ज़िंदगानी
मलाल ना रह जाए फिर जाने का
चंद लम्हों में ही जी जा फिर ये ज़िंदगानी
ना कोई शिकवा ना शिकायत किसी से
जहाँ के गम बटोर लुटा जा खुशियाँ इस ज़िंदगानी
सिखा जा जीने का सलीका इस जहाँ को
इक नई दास्तां लिख जा ये ज़िंदगानी
#SwetaBarnwal
इतनी सी है यारों अपनी कहानी
जो है बस आज है इस पल में है
कल क्या होगा किसी ने ना जानी
कभी खुशियों की लड़ी है ये
कभी आँसुओं मे डूबी दर्द की घड़ी है ये
कभी हौसलों से निखरती है ये
कभी ठोकरों से टूट कर बिखरती है ये ज़िंदगानी
बस कुछ लम्हों की है ये ज़िंदगानी
मरने से पहले संवार ले ये ज़िंदगानी
किसी का साथ ले ले या किसी का सहारा बन जा
प्यार से बस संवर जाएगी ये ज़िंदगानी
कुछ ऐसा कर गुज़र जा इस ज़िंदगानी
यादों में सबके इस कदर बसा जा ये ज़िंदगानी
मलाल ना रह जाए फिर जाने का
चंद लम्हों में ही जी जा फिर ये ज़िंदगानी
ना कोई शिकवा ना शिकायत किसी से
जहाँ के गम बटोर लुटा जा खुशियाँ इस ज़िंदगानी
सिखा जा जीने का सलीका इस जहाँ को
इक नई दास्तां लिख जा ये ज़िंदगानी
#SwetaBarnwal