Tuesday 15 January 2019

ये ज़िंदगानी...

बस चार दिन की है ये ज़िंदगानी,
इतनी सी है यारों अपनी कहानी
जो है बस आज है इस पल में है
कल क्या होगा किसी ने ना जानी

कभी खुशियों की लड़ी है ये
कभी आँसुओं मे डूबी दर्द की घड़ी है ये
कभी हौसलों से निखरती है ये
कभी ठोकरों से टूट कर बिखरती है ये ज़िंदगानी

बस कुछ लम्हों की है ये ज़िंदगानी
मरने से पहले संवार ले ये ज़िंदगानी
किसी का साथ ले ले या किसी का सहारा बन जा
प्यार से बस संवर जाएगी ये ज़िंदगानी

कुछ ऐसा कर गुज़र जा इस ज़िंदगानी
यादों में सबके इस कदर बसा जा ये ज़िंदगानी
मलाल ना रह जाए फिर जाने का
चंद लम्हों में ही जी जा फिर ये ज़िंदगानी

ना कोई शिकवा ना शिकायत किसी से
जहाँ के गम बटोर लुटा जा खुशियाँ इस ज़िंदगानी
सिखा जा जीने का सलीका इस जहाँ को
इक नई दास्तां लिख जा ये ज़िंदगानी


#SwetaBarnwal 

ये ज़िन्दगी...

कभी धूप तो कभी छाँव है ये ज़िंदगी
कभी जुआ तो कभी दाँव है ये ज़िंदगी
कभी अबूझ सी पहेली है ये ज़िंदगी
बूझो तो अपनी सहेली सी है ये ज़िंदगी

कभी आशा कभी विश्वास है ये ज़िंदगी
मिली है सबको बस चार दिन के लिए
फ़िर भी यारों बड़ी खास है ये ज़िंदगी
कभी हंसी तो कभी उदास है ये ज़िंदगी

कभी सरताज़ तो कभी हमराज़ है ज़िंदगी
कहने को तो खुली किताब है ये ज़िंदगी
हर पल हर क्षण नए मोड़ लेती है ये ज़िंदगी
बनते बिगड़ते लम्हों का हिसाब है ये ज़िंदगी

कभी राजा तो कभी रंक है ये ज़िंदगी
चंद सासों की मोहताज़ है ये ज़िंदगी
वक़्त की ठोकरों में बैठी है ये ज़िंदगी
हम सबके लिए एक राज़ है ये ज़िंदगी

#SwetaBarnwal

Friday 11 January 2019

ये कैसी चाहत

करीब आने की चाहत भी उनकी थी
दिल लगाने की हसरत भी उनकी थी
मिलना हमारा नसीब था, पर
मिलकर बिछड़ना ये ख्वाहिश भी उनकी थी
साथ चलने का वादा भी उनका था
साथ छोड़ कर जाने का इरादा भी उनका था
रास्ते भी उनके थे मंज़िल भी उनकी ही थी
हम तो थे ही तन्हा मुह मोड़ने का फैसला भी उनका था
वक़्त भी उनका था, शर्तें भी उनकी ही थी
निभाने की आरज़ू थी मेरी पर तोड़ने की आरज़ू उनकी थी
पूरी शिद्दत से चाहा था जिनको मैंने
मेरी मोहब्बत को ठुकराने का इरादा भी उनका था
हर चाहत उनकी थी और उसपे कुर्बान हमारी हर आरज़ू थी ..

#SwetaBarnwal 

दिल रो रहा है...

आ जाओ आज एक बार फिर से
कि ये दिल रो रहा है
छेड़ जाओ वो दिल के तार फिर से
कि ये दिल रो रहा है
बहुत चाहते थे जो हमे कभी
आज गुमनाम हो बैठे हैं
भर दो जीवन में वही रंग फिर से
कि ये दिल रो रहा है
तुम्हें पा कर खो दिया
या फिर तुम्हें कभी पाया ही ना था
इसी कश्मकश मे उलझी पड़ी है
ज़िन्दगी हमारी
आ जाओ आज एक बार फिर से
कि ये दिल रो रहा है...

#SwetaBarnwal 

ज़िन्दगी जी कर तो देखो...

एक बार फिर से ज़िन्दगी को जी कर तो देखो
बेवजह यूँ ही कभी मुस्कुरा कर तो देखो
खिलखिला उठेगी ये ज़िंदगी तुम्हारी
बस एक बार सबको प्यार करके तो देखो

बीते लम्हों को एक बार भुला कर तो देखो
आने वाले पल को एक बार समेट कर तो देखो
अपने अंदर के डर को मिटा कर तो देखो
जीत का जुनून अपने अंदर जगा कर तो देखो

एक बार फिर से ज़िन्दगी को जी कर तो देखो
बेवजह यूँ ही कभी मुस्कुरा कर तो देखो

जो खो गया हो उसे तुम भुला कर तो देखो
किसी रोते को अपनी मुस्कुराहट दे कर तो देखो
अपने अंदाज़ से सबको अपना बना कर तो देखो
रूठों को बस एकबार मना कर तो देखो

एक बार फिर से ज़िन्दगी को जी कर तो देखो
बेवजह यूँ ही कभी मुस्कुरा कर तो देखो

अपने मन पर पड़े मैल को मिटा कर तो देखो
रिश्तों पर जमीं धूल को उड़ा कर तो देखो
जो सोए हुए हैं उनको तुम जगा कर तो देखो
अहम और वहम दोनों को मिटा कर तो देखो

एक बार फिर से ज़िन्दगी को जी कर तो देखो
बेवजह यूँ ही कभी मुस्कुरा कर तो देखो

सारे झगड़े झंझट को मिटा कर तो देखो
एक बार दोस्ती का हाथ बढ़ा कर तो देखो
सबकी गलतियां और खामियां भुला कर तो देखो
एक बार तुम सबको गले लगा कर तो देखो

एक बार फिर से ज़िन्दगी को जी कर तो देखो
बेवजह यूँ ही कभी मुस्कुरा कर तो देखो
खिलखिला उठेगी ये ज़िंदगी तुम्हारी
बस एक बार सबको प्यार करके तो देखो...

#SwetaBarnwal 

ऐ विधाता...!

 ऐ विधाता...! ना जाने तू कैसे खेल खिलाता है...  किसी पे अपना सारा प्यार लुटाते हो, और किसी को जीवन भर तरसाते हो,  कोई लाखों की किस्मत का माल...