Saturday 29 December 2018

बंटवारे मे माँ-बाप किस के हिस्से जाए,
बस यही बात आज हर बच्चे को सताए... 😢

#SwetaBarnwal

अपनी वो पहली मुलाकात...

चलो आज फ़िर 
अपनी वो पहली
मुलाकात पे 
लिखते हैं,
वो तेरा 
नज़रें मिलाना
मिलते ही फिर 
नज़रें चुराना,
तेरा चोरी चोरी
मुझको देखना,
तेरे लबों का
हिलना #श्वेता और
खामोश रह जाना,
चलो आज फ़िर 
अपनी वो पहली
मुलाकात पे 
लिखते हैं,
अनजाने में 
तेरे हाथों का 
मेरे हाथों से 
छू जाना 
छूते ही जैसे
बिजली का 
दौड़ जाना 
दिल का 
धड़कना
और 
साँसों का 
तेज हो जाना
एक पल मे 
जैसे 
जन्मों का 
बंधन जुड़ जाना
चलो आज फ़िर 
अपनी वो पहली
मुलाकात पे 
लिखते हैं,
संग लोगों का 
काफिला था 
पर कहाँ हमे 
दुनिया की 
फिकर थी 
बस तुम थे 
हम थे 
और साथ थे 
हमारे वो 
अनकहे जज़्बात 
चलो आज फ़िर 
अपनी वो पहली
मुलाकात पे 
लिखते हैं,
होंठ हिले भी नहीं 
और दस्तक 
दिल पे हो गई 
किसी ने कुछ कहा नहीं 
और बातें 
बेइंतहा हो गई 
चले दो कदम नहीं 
और तय 
मिलों का फासला हो गया 
रिश्ता कुछ ना था 
और मोहब्बत 
बेपनाह हो गई 
चलो आज फ़िर 
अपनी वो पहली
मुलाकात पे 
लिखते हैं,
पहली थी 
वो मुलाकात 
पर ना जाने क्यूँ 
सदियों की 
पहचान बनी थी 
सब कुछ 
गौण हो गया 
हर पल बस 
सिर्फ़ तुम्हारा ही ख्याल 
चलो आज फ़िर 
अपनी वो पहली
मुलाकात पे 
लिखते हैं,
जानते थे 
कुछ पल की ही थी 
ये नज़दीकीयां
फ़िर उम्र भर की
ना ख़त्म होने वाली
जुदाई होगी दरमियाँ 
फ़िर भी 
डूबते जा रहे थे हम 
एक दूजे की
आँखों में 
समेट लेना चाहते थे 
इन लम्हों को 
इस कदर अपने दिल में 
कि सदियों की जुदाई 
इन लम्हों से हार जाए 
और जीत जाए 
हमारी अनकही
मोहब्बत ... 

#SwetaBarnwal 



प्रथम पाठशाला...

शायद 3 साल की उम्र थी मेरी 
जब पहली बार विद्यालय गई 
सरस्वती शिशु मंदिर का वो प्रांगण 
विध्या का था वो आँगन 
गांव का वो छोटा सा विद्यालय 
मानो माँ सरस्वती का हो आलय 
किसी ने प्यार से मुझे गोद उठाया 
माँ बाबा की ममता सा अहसास दिया 
पहली बार आचार्य को मैंने जाना
उनके संरक्षण में खुद को महफूज़ माना
ज्ञान का प्रकाश उनसे पाया, 
हर कदम पर रहे वो बन हम साया, 


#SwetaBarnwal 

Friday 28 December 2018

उनके हर लफ्ज़ पे ऐतबार करते हैं,
बस यही गुनाह हम हर बार करते हैं...
ये जानते हैं हम कि हरज़ाई हैं वो,
फ़िर भी उनसे प्यार हम बेइंतहा करते हैं...


#SwetaBarnwal

Thursday 27 December 2018

लिख तो दूं किताबें हमारी मासूमियत पर फिर डर लगता है,
कहीं इस जहाँ में हमारा जीना दुश्वार ना हो जाये...

#SwetaBarnwal
मत शब्दों को इतना सजाओ कि भवरों को खबर लग जाए,

करो ना इतनी ताऱीफ तुम हमारी कि जमाने की नज़र लग जाए...

#SwetaBarnwal
नज़रों से बात करते हो
और होंठ तेरे ख़ामोश हैं
तेरी शायरी ने भी सीखे हैं
सारे अंदाज़ तेरी ही तरह...

#SwetaBarnwal
हर कोई कलम का फनकार नहीं होता,
हर कोई शब्दों का जानकार नहीं होता,
पढ़ने वाले तो ख़ामोशियों को पढ़ लेते हैं,
हर कोई लफ़्ज़ों का तलबगार नहीं होता...

#SwetaBarnwal
मैं साया नहीं हमसाया हूँ तेरा
चाह कर भी दूर नहीं जा पाओगे
जब भी पूकारोगे तन्हाई में
अपने सामने ही मुझे तुम पाओगे...

#SwetaBarnwal

Wednesday 5 December 2018

हर कोई कलम का फनकार नहीं होता,
हर कोई शब्दों का जानकार नहीं होता,
पढ़ने वाले तो ख़ामोशियों को पढ़ लेते हैं,
हर कोई लफ़्ज़ों का तलबगार नहीं होता...

#SwetaBarnwal

Monday 3 December 2018

उम्मीद...

चलो आज अपनी मुश्किलों को हराते हैं,
एक बार फिर से हम खुलकर मुस्कुराते हैं,

गमों से आज अपने एक और दौड़ लगाते हैं
आँसुओं को अपने हम खुशी मे बदल जाते हैं

चलो एक बार ख़ुद को उड़ना सिखाते हैं
हौसलों को आसमां की बुलंदी पर ले जाते हैं

आज ख़ुद से ही हम एक शर्त लगाते हैं
जीत का अपने सर पर हम सेहरा सजाते हैं

रुक ना जाना हार कर किसी भी मोड़ पर
दुनिया को जीने का नया अंदाज़ सिखाते हैं


#SwetaBarnwal bbb
तेरी मुस्कान तेरी बातें और तेरी शरारती आँखें,
और क्या कहूँ यारा बस बहुत याद आते हो तुम...


#SwetaBarnwal 

Sunday 2 December 2018

हमारी बातें उन्हें शिकायत लगती है
और खामोशियां नज़रअंदाज़ी,
दर्द उन्हें हमारा कभी दिखा नहीं
और हमारी मोहब्बत लगे उन्हें बेमानी...

#SwetaBarnwal 

थोड़ी सी हंसी...

मेरे होंठों पर थोड़ी सी हंसी रहने दे
दिल में बचपन वाली खुशी तो रहने दे... 

जो चाहे वो सोचने दो दुनिया वालों को 
मुझमे थोड़ी सी नादानियां तो रहने दे... 

वक़्त की हर कसौटी पे मैं खरी उतरुं
थोड़ा सा बाकी मुझमे हौसला तो रहने दे...

यूँ धुंध मे खो गए हैं मेरे सभी अपने
उनके लौट आने का इंतजार तो रहने दे...

ख़ुद से ही हार बैठी हूँ आज मैं यहाँ,
एक बार फिर जीतने का भरोसा तो रहने दे...

हर कोई यहाँ अंधेरे का साथी है बना
मेरे दिमाग में बगावत की आंधी तो रहने दे...

मर चुके हैं यहाँ दिलों से एहसास सबके
मेरे दिल में बाकी थोड़ी सी कसक तो रहने दे...

सब ख़ामोश थे और लुट रहा था ये जहां
मेरे आँखों में उसकी थोड़ी सी दर्द तो रहने दे...

छीन ले आज भले ही सर से तु छत मेरे
पैरों के नीचे बाकी थोड़ी सी जमीं तो रहने दे...

#SwetaBarnwal



अब बेवजह किसी बात पर
किसी से रूठ जाने की आदत ना रही
मालूम है कोई मनाने ना आयेगा
किसी से दिल लगाने की चाहत ना रही...

#SwetaBarnwal 
बेवजह रूठ जाने को दिल करता है
तुम आओ मनाने ऐसी चाहत रखता है...

#SwetaBarnwal 

Saturday 1 December 2018

मुस्कान...

ये मुस्कान यारों
कमाल कर जाए
बड़ी ही अनमोल
धरोहर है ये
जिसके पास हो
उसे मालामाल कर जाए
पल में गैरों को
अपना कर जाए
हर दर्द की
दवा है ये
ऊपर वाले की
दुआ है ये
ये मुस्कान यारों
कमाल कर जाए
देने वाले का
कुछ नहीं जाता
लेने वाले को
खुशहाल कर जाए
हर असंभव को
संभव कर जाए
दर्द मे भी सबको
जीना सीखा जाए
तन्हाई में भी ये
कई रंग भर जाए
हर महफ़िल को
रंगीन कर जाए
ये मुस्कान यारों
कमाल कर जाए
जीने की सबको
नई राह दिखाए
मुश्किलों से ये
लड़ना सीखलाए
प्यार की ये
ज्योत जलाए
हर दिल को
अपना बना जाए
ये मुस्कान यारों
कमाल कर जाए
कभी किसी बच्चे की
हंसी में पलती है
कभी किसी बुजुर्ग की
दुआओं मे संवरती है
कभी गरीबी मे
उभर जाए
कभी अमीरी मे
निखर जाए
ये मुस्कान यारों
कमाल कर जाए
इसका ना कोई रंग है
ना रूप ना मजहब
ना उम्र की सीमा
ना जन्म का बंधन
ना कोई बंदिश
ना इसपे किसी का पहरा
ये मुस्कान यारों
कमाल कर जाए ...

#SwetaBarnwal


खुल कर मुस्कुरा... 😘

ऐ यार...!
तु एक बार खुल कर मुस्कुराना सीख ले,
हंस कर हर गम को गले लगाना सीख ले,
होंठों पर तु अपने हंसी सजाना सीख ले,
हर हालात से तु डट कर लड़ना सीख ले,

ऐ यार...!
जहाँ हंसी होती है वहां ज़िन्दगी होती है
माथे पर उसके सूरज का तेज होता है
कांधे पर उसके हौसलों की गठरी होती है
उसके इरादों मे जीत का जुनून होता है

ऐ यार...!
कौन है इस जहां मे जिसे गम ने छुआ नहीं
वो कौन है यहाँ जिसे वक़्त ने कभी लुटा नहीं
रख हौसला दिल में और चेहरे पर मुस्कान तु
जीतने के लिए इससे जरूरी सामान होता नहीं

ऐ यार...!
ज़िन्दगी से जब तू मिले तो मिलना उजाला बन
खिलखिलाती धूप बन बारिस की फुहार बन
जो भी तुझसे मिले बस तुझमें ही खो हो जाए
लाख गम हो सीने में चेहरे पे वो मुस्कान रख

ऐ यार...!

#SwetaBarnwal


चलो आज सब मिलकर
एक नई शुरुआत करते हैं,
खींच कर गमों की चादर
सबके चेहरे पर मुस्कान भरते हैं...

#SwetaBarnwal



ऐ विधाता...!

 ऐ विधाता...! ना जाने तू कैसे खेल खिलाता है...  किसी पे अपना सारा प्यार लुटाते हो, और किसी को जीवन भर तरसाते हो,  कोई लाखों की किस्मत का माल...