Monday 30 April 2018

ये ज़िन्दगी है यारों,...! 
यहां सुलझने के लिए उलझना जरूरी है 
यहां निखरने के लिए बिखरना जरूरी है
यहाँ मिलने के लिए बिछड़ना जरूरी है
और जुड़ने के लिए फिर टूटना जरूरी है
ये ज़िन्दगी है यारों..! 
सब कुछ तो कह दिया 
अब कहने को कुछ बाकी नहीं यार, 
हर जज़्बात को शब्दों का रूप
देना अब मुमकिन नहीं है यार,
कुछ आँखों की भी पढ़ लो,
कभी धड़कनों की भी सुन लो,
कुछ बातों को अब तुम 
बिना कहे भी समझ लो
जो बात लबों तक आ ना पाई
उन्हें आँखों से बयां कर दो तुम,
जो भी है दिल मे तेरे कह दो,
होठों को यूँ ना सिला करो तुम
जब भी तन्हां होती हूँ
तुझे ही पुकारा करती हूँ
तुम भी तो एक बार फिर से 
मुझको आवाज़ लगा दो यार, 
तेरी हर खुशियाँ बटोर लूँ मैं 
तेरे दामन में आज सज़ा दूँ यार, 
सब कुछ तो कह दिया 
अब कहने को कुछ बाकी नहीं यार, 
यूँ ना झाँक कर देख मेरे अंदर 
मैं कई टुकड़ों में मिलूंगी, 
ये मुस्कुराहट तो बस 
दुनिया को दिखाने के लिए सज़ा रखी है...

#SwetaBarnwal 
ज़िन्दगी की राहों में आपको कई यार मिलेंगे,
हमसे भी ज्यादा चाहने वाले दिलदार मिलेंगे,
ऐ यारा...! सबकी भीड़ में हमे भूल ना जाना,
हम फ़िर ना तुम्हें अगली बार मिलेंगे...

#SwetaBarnwal 
ना उम्र का फासला देखा, 
ना रस्मों के बंधन को जाना, 
ना कोई वादा मांगा तुझसे, 
ना ही कोई इरादा रखा, 
ना कोई ख्वाहिश रखी, 
ना ही कोई उम्मीद है तुझसे, 
ना मुकम्मल होने की चाह, 
ना मिलन की कोई आस, 
बिन सोचे बिन जाने 
तेरी बातों पर ऐतबार किया, 
तुझे दिल में बिठाया 
तुझसे बेइंतहा प्यार किया, 
तेरे बढ़ते हाथों को थामा
तुझे अपना सबकुछ माना, 
कभी सोचा ना था 
तुम इतने संगदिल हो जाओगे, 
देख कर मुझको 
अनदेखा कर जाओगे, 
सब जान कर भी 
तुम अनजान बन जाओगे, 
मेरे जज़्बातों से खेल 
तुम बाज़ीगर बन जाओगे... 

#SwetaBarnwal 



सपनों की दुनिया में हम खोते चले गए, 
एक बेवफ़ा से मोहब्बत करते चले गए,
इस अंजाम से अनजान हम भी ना थे,
फ़िर भी ना जाने क्यूँ उसके होते चले गए... 

#SwetaBarnwal 
आज मेरे दिल में एक ख्याल आया, 
क्यूँ ना हाल-ए-दिल सबसे कह सुनाऊँ,
हर एक राज़ से पर्दा उठा दूं,
अपनी मोहब्बत दुनिया को सुनाऊँ,
अब आप चाहो ना चाहो गम नहीं, 
हमने तो आपको दिल में बसाया... 

#SwetaBarnwal 
तड़प रही है मेरी बाहें 
तेरा आलिंगन करने को, 
बिखर जाओ एक बार प्रिये, 
है तैयार बहारें आने को... 

#SwetaBarnwal 
मिल जाओ जो एक बार तुम, 
तुझे अपनी ज़िन्दगी बना लूँ मैं, 
बन जाऊं मैं जिस्म तेरा, 
या ख़ुद को रूह बना लूँ तेरी, 
इस कदर समा जाउं तुझमे मैं
कर ना सके कोई जुदा हमे,
बस एक बार मिल जाओ जो तुम, 
हम यूँ हद से गुज़र जाएं, 
होठों से छू लूँ होठ तेरे, 
साँसों से साँस मिला जाऊँ 
तुम बन जाओ दिल मेरा 
मैं तेरी धड़कन बन जाऊं,
बस एक बार कहे जो तू मुझसे,
मैं तेरी दुल्हन बन जाऊं...

#SwetaBarnwal 
जितनी शिद्दत से तूने 
कभी थामा था हाथ मेरा
आज उतनी ही बेख्याली
से तुमने दामन है छुड़ाया
ना जाने किस बदगुमानी
मे खोए बैठे हो तुम,
अपनी ही चाहत को
रूसवा किए हो तुम...

#SwetaBarnwal 
एक बार आ कर
सिमट जाओ मेरी बाहों में तुम,
मेरे इश्क़ की दास्तां
मेरी धड़कनें सुनाएगी तुम्हें...

#SwetaBarnwal 
बुरे वक़्त से जो मेरी मुलाकात हो गई, 
सबकी सच्चाई और औकात दिख गई...
कल तक जो चाहत का दंभ भरा करते थे, 
आज उन सबकी असल जात दिख गई... 

#SwetaBarnwal 

Saturday 28 April 2018



आज अपने चाहने वालों के लिए वक़्त नहीं,
कल अपने नहीं रहेंगे तो वक़्त का क्या करोगे...

#SwetaBarnwal


कोई हमारी चाहत में इस कदर बदगुमान हो गया,
कि हम उसकी चाहत में ख़ुद गुमनाम हो बैठे... 

#SwetaBarnwal

Friday 27 April 2018

झूठी ख्वाहिशें और अधूरे ख्वाब 
पे हम ज़िंदा हैं, 
ऐ ज़िन्दगी...!
हम तुझसे थोड़े से शर्मिंदा हैं...

#SwetaBarnwal 
मेरी इन आँखों को 
अब किसी और का इंतज़ार नहीं है
अब तो मोहब्बत भी तुमसे
और सज़दा भी तुम्हारा ही है...

#SwetaBarnwal 

मासूम सी ख्वाहिश

एक छोटी सी ख्वाहिश मेरी भी पूरी हो जाए 
कोई हो जो मेरे रूठने पे मुझे मनाए,
मेरे साथ हंसे, मेरे रोने पे ख़ुद रो जाए,
मेरे साथ चले, मेरा सहारा बन जाए,
गर मैं बिखरुं तो बाहों मे मुझे भर जाए, 
दूर से ही सही शब्दों के मरहम से ज़ख़्म भर जाए,
एक मासूम सी ख्वाहिश मेरी भी पूरी हो जाए...

#SwetaBarnwal 
उन्होनें हमे एक लम्हां समझ कर भूला दिया, 
और हम उन्हें ज़िन्दगी समझ जीते जा रहे हैं... 

#SwetaBarnwal 
पूरे की ख्वाहिश मे हम और अधूरे हो गए,
तुम्हें बेहिसाब चाह कर हम और बुरे हो गए...

#SwetaBarnwal 
चाहत की राहों में कोई rule नहीं होता, 
और इसे सिखाने के लिए कोई school नहीं होता...

#SwetaBarnwal 
जब कभी तन्हाई में उसकी याद आती है, 
मेरे होठों पर एक फरियाद आती है, 
ख़ुदा सलामत रखे हर वक़्त उनको,
जिनके एक झलक से मेरे चेहरे पर मुस्कान आती है...

#SwetaBarnwal 
दूर रहने से रिश्ते टूटा नहीं करते, 
वक़्त की मार से लम्हें छूटा नहीं करते,
जो है पल बचे जी लो संग उन्हें, 
छोटी-छोटी बातों पे रूठा नहीं करते... 

#SwetaBarnwal 

Thursday 26 April 2018

सूखे पत्तों सी हो गई थी ज़िन्दगी अपनी, 
उन्होनें समेटा भी तो जलाने के लिए... 

#SwetaBarnwal 
कुछ इस कदर गुज़र रही है ज़िन्दगी अपनी,
जैसे सांसे भी नाप तोल कर दी हो ऊपर वाले ने...

#SwetaBarnwal

Wednesday 25 April 2018

जानती हूँ कोई याद नहीं करता हमे, 
फ़िर भी बेख्याली मे जीना अच्छा लगता है... 

#SwetaBarnwal 
यूँ तो कहने को 
कुछ नहीं है पास मेरे, 
गर तुम आँखों को पढ़ सको 
तो और बात है...

#SwetaBarnwal 

तो हम भी इश्क़ मे नाकाम ना होते...

काश वो मेरे दिल की समझ पाते, 
काश ज़ुबां मेरे थम ना जाते,
जज़्बातों को मेरे वो समझ पाते, 
तो हम भी इश्क़ मे नाकाम ना होते... 

काश तेरे संग दो पल बैठ पाती, 
काश अपने दिल की तुझसे कह पाती 
काश कुछ तुम अपनी सुना जाते, 
तो हम भी इश्क़ मे नाकाम ना होते... 

अंधियारी रातों में हम तन्हा ना रहते,
काश विरह की आग मे हम यूँ ना जलते,
काश ख़ुद को हम कुछ समझा पाते,
तो हम भी इश्क़ मे नाकाम ना होते... 

काश तुझसे यूँ मोहब्बत ना हुई होती, 
तेरी बेवफ़ाई हमने देखी ना होती, 
काश मझदार मे हम फंसे ना होते, 
तो हम भी इश्क़ मे नाकाम ना होते... 

काश हम तुमसे कभी मिले ही ना होते,
ना चाहतों के कोई फूल खिले होते,
काश आँखों के आँसुओं को रोक पाते,
तो हम भी इश्क़ मे नाकाम ना होते... 

काश हम साथ प्यार के गीत गा पाते, 
काश तेरे साथ दो कदम चल पाते, 
जो तुम भी निभा जाते अपने किए वादे 
तो हम भी इश्क़ मे नाकाम ना होते... 


#SwetaBarnwal 
मुझे तलाश है उसकी,
जो समझ सके मुझे, 
जो ना रह सके कभी 
एक पल बगैर मेरे...

#SwetaBarnwal 

Monday 23 April 2018

You

वजह पुछने का मौका ही कहाँ मिला,
वो लहजे बदलते गये हम अजनबी होते गये...!

Me

वक़्त कहाँ था उनके पास, 
कि पूछ पाते ज़िंदा हो या चले गए...! 

#SwetaBarnwal 
चलो आज फ़िर से 
मैंने तेरी बात मान ली, 
दफन कर सारे अरमां 
तुझे इस दिल से रिहाई दे दी... 

#SwetaBarnwal 

कुछ इस कदर गुज़र रही है ज़िन्दगी अपनी,
हर ओर अंधेरा नज़र आ रहा है,
सबकुछ पाने की चाहत में,
बहुत कुछ फिसलता जा रहा है...

#SwetaBarnwal

Sunday 22 April 2018

बेरुखी का ऐसा आलम 
ना कभी देखा ना सुना
नज़रअंदाज़ी उन्होनें की
और तोहमत मश्रुफ़ियत पे लगाई...

#SwetaBarnwal


बेरुखी का ऐसा आलम 
ना कभी देखा ना सुना
नज़रअंदाज़ी उन्होनें की
और बेवफ़ाई का इल्ज़ाम हमपे लगाया ...

#SwetaBarnwal 

ये आँखें

ये आँखें भी कमाल करती है,
झुकती है तो दिवाना बना देती है,
उठती है तो घायल कर जाती है, 
रोती है तो दिल चीर देती है
हंसती है तो मन मोह लेती है
और जो कभी बंद हो गई ये 
तो दर्द और आँसुओं का सैलाब लाती है... 

#SwetaBarnwal 
ज़रा सा कदम क्या लड़खड़ाए
सबकी उँगलियाँ उठने लगी,
बरसों से सर पे कितना बोझ है,
काश कोई ये भी देख पाता...

#SwetaBarnwal 
कितना आसान होता है कहना, 
भूल जाओ, 
काश..! 
इतनी ही आसानी से हम भूल पाते... 

#SwetaBarnwal 

Saturday 21 April 2018

एक अनजाने सफ़र में 
किसी अनजाने से मुलाकात हो गई, 
जान पहचान बढ़ी
और वो मेरी जान बन गया
इस कदर दिल में समाया
कि वो मेरी पहचान बन गया
कई हसरतें जगी
और वो इस दिल का मेहमान बन गया


#SwetaBarnwal 

ये कैसी ज़िद

अपनी ज़िद के पक्के तुम भी हो और हम भी हैं, 
झुकना तुम भी नहीं चाहते, झुकना मुझे भी नहीं आता, 
ऐसा नहीं है कि कोई फ़र्क नहीं पड़ता किसी को,
तन्हाई में रोते तुम भी हो, आँसू हम भी बहाते हैं
ख़ामोशी से खड़े तुम भी हो ख़ामोश हम भी हैं, 
आवाज़ तुमने भी ना दी रोका हमने भी नहीं, 
मोहब्बत की कसक तुझ मे भी है और मुझमें भी है, 
जताया तुमने भी नहीं तो बताया हमने भी नहीं, 
किस मोड़ पर जा कर थमेगी ये इश्क़ की दास्तां, 
एक दूज़े के बिन अधूरे तुम भी हो अधूरे हम भी हैं, 
अपनी ज़िद के पक्के तुम भी हो और हम भी हैं, 
झुकना तुम भी नहीं चाहते, झुकना मुझे भी नहीं आता,


#SwetaBarnwal 

Thursday 19 April 2018

जानती हूँ कि उसे मुझसे प्यार नहीं,
पर दिल ये नादां है कि मानता नहीं...

#SwetaBarnwal 

मायूस ज़िंदगी...

रहा गर्दिशों मे अक्सर
अपनी ज़िन्दगी का सितारा, 
कश्तियां डूबी अपनी, 
ना मिल सका कोई भी किनारा, 
ना होश में रह पाए हम
और ना था बेहोशी का आलम, 
आँखों में था अपने
फैला मायूसी का समंदर, 
मुस्कुरा रहे थे हम
क्यूंकि हर कोई रुलाने को था बेचैन, 
मिटाने की कोशिश उनकी थी 
पर हौसला-ए-जज़्बा मुझमे भी कम ना था, 
हर नज़रें मुझे घूर रही थी 
पर हमने भी कहाँ हार मानी थी, 
हर शख्स हुआ था बेगाना,
ये वक़्त ने #श्वेता को कैसा दिखाया नज़ारा...
रहा गर्दिशों मे अक्सर
अपनी ज़िन्दगी का सितारा... 

#SwetaBarnwal 

Wednesday 18 April 2018

कौन कहता है #ताजमहल को
सच्चे मोहब्बत की निशानी,
हमे तो उसके नींव मे
कई मज़लुमों की चीखें सुनाई देती है...

#SwetaBarnwal 
वफ़ा करने वाले dost
हमारे दिल में बसते हैं, 
पर जो बेवफ़ा होते हैं
उन्हें हम दिमाग में भी नहीं बसाते हैं...

#SwetaBarnwal 
वक़्त पंख लगा कर उड रहा है, 
पर हम आज भी वहीं खड़े हैं, 
जहाँ तुम ये कह कर गए थे कि 
मैं आता हूँ, मेरा इंतज़ार करना.... 

#SwetaBarnwal 

अनकही मोहब्बत

प्यार हमे भी था 
प्यार उन्हें भी था, 
बताया हमने भी नहीं 
जताया उन्होनें भी नहीं, 

चोरी छुपे देखते वो भी थे, 
चोरी छुपे देखते हम भी थे, 
मिलन की प्यास उन्हें भी थी 
मिलने की आस हमे भी थी 

ना कभी उन्होंने पूछा 
ना कभी कुछ हमने बताया 
रोका हमने भी नहीं 
मुड़ कर देखा उन्होंने भी नहीं,

आज भी है बेइन्तेहाँ प्यार 
इस दिल में उनके लिए 
बरसों से दफ़न है ये 
राज़ इस दिल में 
पूछा उन्होंने भी नहीं 
बताया कभी हमने भी नहीं... 

#SwetaBarnwal 
एक तो मेरी मोहब्बत की इंतहाँ
उस पर तेरी ये नज़रअंदाज़ी की आदत,
कहाँ जा कर रुकेगी
हमारे इश्क़ और दर्द की दास्तां... 

#SwetaBarnwal 

Tuesday 17 April 2018

यूँ बारबार ना किसी लड़की पे अत्याचार हो, 
आज तुम करो कल तुम पर भी पलट वार हो, 
किसी की बेटी बहन तो किसी की दोस्त हो,
हर बार शोषित पीड़ित कोई बेकसूर ही हो,

#SwetaBarnwal 

एक लड़की की माँ के दिल का डर...

आ जा रे मेरी गुड़िया
तुझे पलकों मे छुपा लूँ,
बैरन हुई है ये दुनिया
तुझे सीने से लगा लूँ...

हर तरफ़ हैं भेड़िये, 
तुझे कैसे मैं बचाऊं,
अपनों की भी नज़रें हैं ओछी,
तुझे कैसे मैं ये समझाऊँ,

चेहरे पर कई चेहरे 
लगाए बैठे हैं यहाँ लोग, 
कैसे सबकी नज़रों से छुपाऊँ, 
बोलो क्या जतन मैं कर जाऊँ.. 

कौन सी पुजा मैं करूँ, 
कौन सी मन्नत का धागा बांध दूँ,
हर बुरी नज़र से जो तुझे बचाए,
बोल मैं ऐसा क्या कर जाऊँ... 

अबला नहीं तुझे मैं सबला बना दूँ, 
मौत से भी तुझको लड़ना सिखा दूँ, 
हर स्पर्श को तू पहचान पाए, 
हर मुश्किल से तू टकरा जाए... 

आ जा गुड़िया तुझे मैं फौलाद बना दूँ,
माँ हूँ मैं तेरी तुझे लड़ना सीखा दूँ,
इस कदर मैं तुझमें आग भर दूँ,
कुछ इस तरह से मैं तेरी परवरिश कर दूँ...

#SwetaBarnwal 

Friday 13 April 2018

इत्तेफाक भी बड़े इत्तेफाक से ही होते हैं,
कि ये हर रोज़ नहीं किसी के साथ होते हैं...

#SwetaBarnwal
इत्तेफाक भी कुछ इस कदर होने लगे,
कि हम आपके और करीब होने लगे... 😍

#SwetaBarnwal

Thursday 12 April 2018

यूँ हर बात पे हमसे ना गिला कीजिए,
जो है आपके दिल में बस कह दीजिए,
अच्छे नहीं लगते हो जब रहते हो खामोश,
हर जज़्बात को अपने बयां कीजिए...

#SwetaBarnwal 
बड़े अजीब होते हैं ये दिल के रिश्ते, 
रोया सबसे ज्यादा वो जिसने दिल से निभाए...

#SwetaBarnwal 
एक रोज़ वक़्त ख़ुद मेरी दास्तां सुनाएगा, 
जब बिता हुआ फ़साना उसे याद आयेगा, 
आज गुरबत में गुज़र रही है ज़िन्दगी अपनी, 
एक रोज इसमे भी इंद्रधनुषी रंग भर जाएगा...

किस्मत से मुझको नहीं है कोई शिकायत, 
हाथों की लकीरों से नहीं कोई बावस्ता मुझको,
ना है कोई ऐहतराम मुझको इस जमाने का, 
है कुछ इस कदर भरोसा अपने हौसले पे मुझको...

ज़ब्त कर रखा है हर जज़्बात दिल के अंदर, 
कब कौन खेल जाए ले के दिल में प्यार का समंदर, 
#श्वेता के आंँखों में है अंगार दिल में जीत का जुनून, 
जो हासिल हो मंज़िल तो मिल जाए चैन-ओ-सुकून... 

#SwetaBarnwal 
ये इश्क़ की बीमारी 
ना जाने क्या क्या करवाए, 
जो कभी अपना हो नहीं सकता 
क्यूँ उसी के सपने दिखाए...

#SwetaBarnwal 
दिल गर ज़ार ज़ार रोए 
तो उसे रोने दीजिए, 
जो आपका हो नहीं सकता,
उसे जाने दीजिए...

#SwetaBarnwal 


मैं पत्ता हूँ तेरी ही शाख का
मौसम बदलते ही मुझको गिरा ना दे,
चाहे ना हो कोई औकात मेरी,
पर अपनी बाहों में मुझको पनाह तो दे...

#SwetaBarnwal
फ़र्क है 
तेरी और मेरी मुस्कुराहट मे, 
तुम ख़ुश होते हो तो मुस्कुराते हो 
और हम तुम्हें ख़ुश देख मुस्कुराते हैं...

#SwetaBarnwal 

Wednesday 11 April 2018

जो रिश्ते हो कर भी अपने नहीं होते, 
उनसे शिकायत कैसी और गिला कैसा...

#SwetaBarnwal 
तेरी आँखों के अश्कों को मेरी आँखों से निकलना होगा,
जो दर्द तुझ तक पहुचें उसे पहले मेरे दिल से गुज़रना होगा...

#SwetaBarnwal 

आँसू

किसी और के लिए इन आँसुओं को कभी बेकार ना कर, 
जो करे ना इसकी कद्र उसके लिए ना ख़ुद को बेज़ार कर,
शीशा-ए-दिल ही यहां अक्सर टूट कर बिखरा करते हैं,
फौलाद-ए-ज़िगर आई मुश्किलों से निखर जाते हैं यहाँ, 
चाहे कोई भी रूठ जाए छुट जाए हम इंसानों से, 
मुश्किलें कभी रूठ कर पीछा छोड़ा नहीं करते हैं यहाँ,
ये आँसू चाहे कैसे भी हो उनसे प्यार किया करो,
जाने कब कौन और कैसे हमारी आत्मा को नहला जाए,
कहती है #श्वेता करो ना खुशामद कभी भी किसी सफ़र की,
हर मोड़ पर साथ अक्सर हमारे हौसले ही दिया करते हैं, 
दुनिया की नज़रों में गिर कर भी उठ सकता है इंसान, 
जो गिर जाए अपनी ही नज़र में तो कौन उठाए भला उसे,
खुद को करो इस कदर तैयार कि हर मुश्किल आसान हो जाए, 
करो हर चुनौतियों को स्वीकार, जाने कब कहाँ किनारा मिल जाए... 

#SwetaBarnwal 

है संघर्ष भरा जीवन उसका,
त्याग की वो एक मूरत है
शब्दों में बांध ना पाए कोई,
प्रेम की ऐसी वो सूरत है...

#SwetaBarnwal

Tuesday 10 April 2018

खूबसूरत अरमां...

छुप छुप कर तुम यूँ देखते हो, 
कभी छुप कर मिलने भी आ जाया करो,
अपनी बातों से दिल धड़काते हो मेरा, 
कभी अहसासों की गर्मी से पिघला जाया करो... 

माना मेरा घर बहुत दूर है तेरे घर से,
एक बार आ कर मेरे दिल को रौशन कर जाया करो,
तेज नज़रों के पहरे से छुपते-छुपाते, 
बस एक बार अपनी झलक दिखला जाया करो... 

खिड़कियाँ और दरवाज़े खुले रखूंगी मैं, 
किसी बहाने तुम अरमानों की सेज़ सजा जाया करो,
चुभ ना जाए कोई काँटा तेरे पांव में, 
मेरी पलकों से दिल में तुम समा जाया करो... 

#SwetaBarnwal 

नादानीयां करना चाहती हूँ...

गुज़रे हुए उन पलों को 
एक बार फ़िर से जीना चाहती हूँ, 

बहुत रो लिया अब तक 
अब फ़िर से मुस्कुराना चाहती हूँ, 

फ़िर से वही खूबसूरत शाम 
तेरे साथ कुछ कदम चलना चाहती हूँ,

तेरे कांधे पर रख के सिर,
सुकून से दो पल सोना चाहती हूँ, 

तेरी आँखों के अश्क 
मैं अपनी आँखों से बहाना चाहती हूँ,

खामोश सी हो गई है ज़िन्दगी 
कुछ पल तेरे साथ गुनगुनाना चाहती हूँ, 

एक बार अपने होठों पर
तेरे बोल को मैं सजाना चाहती हूँ, 

तेरे सीने से लग कर एक बार 
मैं तेरी ही जुस्तजू मे खो जाना चाहती हूँ,

बहुत हो गई समझदारी,  
अब थोड़ी नादानीयां करना चाहती हूँ...

#SwetaBarnwal 
सच आज कहीं खो गया,
देखो यहां हर कोई मौन हो गया.
जो कल तक था बहुत खास, 
आज वो सब गौण हो गया... 

#SwetaBarnwal 

Monday 9 April 2018

आज सो रही हूँ मैं 
अपने सारे गम अपने तकिये के नीचे रख 
क्यूंकि कल फ़िर मुझे 
सुबह उठ कर मुस्कुराते हुए ज़िन्दगी को गले लगाना है... 

#SwetaBarnwal 
मोहब्बत को ना बांधों तुम किसी बंधन में,
ये वो परिंदा है जो उड़ता है मस्त गगन मे...

#SwetaBarnwal

Sunday 8 April 2018

कहानी सोलहवें साल की

(एक लड़की की अभिव्यक्ति) 


आओ सुनाती हूँ मैं तुम्हें कहानी 
अपनी वो सोलहवें साल की,

बसंती हवा सी चंचल, मादक
मनमोहक मदमस्त हवा सी  मैं, 
गगन मुखमण्डल आभामंडीत हृदय, 
प्रेम पुञ्ज से आलोकित, पग-पग मे चांदनी, 


आओ सुनाती हूँ मैं तुम्हें कहानी 
अपनी वो सोलहवें साल की,

चाँद और आफताब की बातें करने वाली 
हर वक़्त कल्पनाओं मे डूबा रहता मन,
चिड़ियों सी चहकती, तितलियों सी नाचती
रूप की रानी थी मृगनयनी सा था ये तन,

आओ सुनाती हूँ मैं तुम्हें कहानी 
अपनी वो सोलहवें साल की,

ओस के बूंदों जैसी निर्मल, मुक्ता सी रौनक,
इंद्रधनुषी आभा जैसी, मदहोश नवयौवन,
जो देखे मंत्रमुग्ध हो जाए बन भँवरों सा दिवाना,
गंगा सी पावन धारा और सीता जैसी मोहकता,

आओ सुनाती हूँ मैं तुम्हें कहानी 
अपनी वो सोलहवें साल की...

#SwetaBarnwal 

अंतिम बेला

अब जीवन के इस अंतिम बेला में, 
कैसे कहूँ क्या ख्वाहिश है मेरी, 

कैसे कहूँ, मैं चाहूं तेरा असीम प्यार, 
तेरे ही बाहों में गुज़रे ये पल चार 

आँखों के आगे अंधेरा सा छा रहा है, 
कैसे कहूँ मेरी जीवन बगिया सज़ा दो,

हर सपने जल रहे हर आशाएँ मर रही,
कैसे कहूँ मुझे रंगीन दुनिया दिखा दे,

जानती हूँ अब नहीं है वक़्त मेरे पास,
फ़िर कैसे कहूँ साथ दो वक़्त बिता ले,

पर फ़िर भी जाने से पहले एक बात है कहना, 
ऐ हमदम सदा तुम यूँ ही मुस्कुराते रहना,

मैं रहूँ या ना रहूँ तेरी इस दुनिया में,
मेरी दुआएँ सदा रहेगी तेरे दामन में,

फ़िर से एक बार रौशन तेरा ये जहां होगा,
खुशियाँ होगी वहां जहां तेरा बसेरा होगा,

फ़िर से आशाओं के दीप जलेंगे, 
एक बार फ़िर से रौशन तेरी राहें होंगी

बस अब मेरे जाने की घड़ी है आई, 
एक बार मुस्कुरा कर दे दे मुझको विदाई, 

देखना कहीं ये तेरी आँखें नम ना हो, 
जाते जाते तेरे चेहरे पे कोई गम ना हो.

दे दे मुझे तू बस इतना सा आश्वासन,
मेरे लिए करोगे ना तुम कोई क्रंदन...

#SwetaBarnwal 

Saturday 7 April 2018

ऐ ज़िन्दगी एक बार फिर से तुझ पर ऐतबार करती हूँ...

चलो आज फ़िर से मैं ख़ुद से बेवफ़ाई करती हूँ, 
ऐ ज़िन्दगी एक बार फिर से तुझ पर ऐतबार करती हूँ
शायद इस बार तू सच्ची हो, शायद इस बार तू वफ़ा करे 
ऐ ज़िन्दगी एक बार फिर से तुझ पर ऐतबार करती हूँ... 

करती हूँ फ़िर से माफ़ मैं तेरी सारी गुस्ताखियों को, 
चल एक बार फ़िर से मैं तुझसे प्यार करती हूँ, 
अपनी उन्हीं गलतियों को मैं फ़िर से दुहराती हूँ,
ऐ ज़िन्दगी एक बार फिर से तुझ पर ऐतबार करती हूँ...

चल आज फ़िर मैं सबसे तेरी तारीफ करती हुंँ, 
हर एक से तेरे किए अहसानों का मैं ज़िक्र करती हूँ, 
जो छिना तूने उसकी बड़ी कसक है दिल में, मगर 
ऐ ज़िन्दगी एक बार फिर से तुझ पर ऐतबार करती हूँ...

आज तक तूने जो भी किया, जो भी लिया-दिया मुझे, 
चल आज उसके लिए मैं तेरी शुक्रगुज़ार होती हूँ, 
एक बार आज फ़िर से मैं तुझे हमराज़ मानती हूँ, 
ऐ ज़िन्दगी एक बार फिर से तुझ पर ऐतबार करती हूँ...

मगर अफसोस तेरे दिए दर्द को कभी भूल ना पाऊँगी, 
फिर ना मिले वो ज़िन्दगी ऐसी दुआ कर जाऊँगी, 
यकीनन तेरी दी हुई हर तकलीफ़ मैं हँस के सहती हूँ, 
ऐ ज़िन्दगी एक बार फिर से तुझ पर ऐतबार करती हूँ...



#SwetaBarnwal 

Friday 6 April 2018

ये उम्र.... चालीस पार की...

बड़ी अल्हड़ सी हो जाती है ये उम्र.... चालीस पार की... 

कभी करता है नादानीयां, कभी चाहता है मनमर्जीयां,
कभी चुपचाप खामोश तो कभी लुटाता है ढेरों खुशियां, 
कभी हसीनाओं पे दिल अटकता है तो करता है शोखियाँ, 
कभी बच्चे सा दिल हो जाता है और कर जाता है गुस्ताखियां...

बड़ी अल्हड़ सी हो जाती है ये उम्र.... चालीस पार की...

कभी मस्तमौला हो उड़ता रहता है सपनों के वन में,
कभी इस फूल तो कभी उस कली को चूमता है मन में, 
कभी खिलखिलाता है तो कभी आँसू बहाता है अकेले में, 
कभी-कभी खुद को बहुत ही तन्हा पाता है दुनिया की भीड़ में... 

बड़ी अल्हड़ सी हो जाती है ये उम्र.... चालीस पार की... 

कभी मचलता है, कभी फिसलता है, 
कभी पिघलता है, कभी सम्भलता है,
रौशन हवाएं हो उठती है, ज़िंदगी को रंगीन कर जाता है,
कभी करता है गुस्ताख़ियाँ, कभी गुमनाम हो जाता है, 
कभी करता है शरारत तो बिखेरता है शोखियाँ, 

बड़ी अल्हड सी हो जाती है ये उम्र... चालीस पार की... 

#SwetaBarnwal 

आख़िर क्यूँ... 🤔

क्या मिलता है 
किसी को किसी का दिल दुखाकर, 
क्या मिलता है
किसी को नीचा दिखा कर
क्या मिलता है
किसी के स्वाभिमान को ठेस पहुंचा कर,
क्या मिल जाता है
किसी की खुशी में आग लगा कर,
क्यूँ अपनी ज़िन्दगी में
ख़ुश नहीं रहते हैं लोग,
क्यूँ किसी और की ज़िन्दगी में
झांकते हैं लोग
क्यूँ किसी के
आँखों में आँसुओं की वजह बनते हैं लोग
क्यूँ अपने दुख से ज्यादा
दूसरे की खुशी में तड़पते हैं लोग 
क्यूँ किसी और का जीना 
दुश्वार कर जाते हैं लोग 
आख़िर क्यूँ किसी की 
कामयाबी से जल जाते हैं लोग, 
आख़िर क्यूँ किसी को 
मौत के मुंह में ले जाते हैं लोग... 

#SwetaBarnwal 



Thursday 5 April 2018

दुनिया में आ कर हम
दो तरह के रिश्ते बनाते हैं,
एक रिश्ता दिल से
और दूसरा शौक से
दिल के रिश्ते दिल भर जाने पर
मुह मोड़ जाते हैं
और शौख के रिश्ते
सिर्फ शौख पूरे करने के होते हैं...😢

#SwetaBarnwal 

Wednesday 4 April 2018

करना था हमे भी इज़हार-ए-मोहब्बत 
पर करते कैसे, तुम तो मार्च closing मे व्यस्त थे...

#SwetaBarnwal 

Tuesday 3 April 2018

ख्वाबों पे कब किसका जोर चलता है,
तुझसे मिलने को मेरा दिल भी मचलता है,
बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला है मैंने,
ख्वाबों में ही मिल कर तुझको पाया है मैने...

#SwetaBarnwal

माँ अब मैं सब कुछ सीख गई

माँ अब मैं सब कुछ सीख गई, 
क्यूंकि अब मैं बेटी से बहु बन गई...
सुबह सवेरे उठना सीख गई,
आँख खुलते ही सबको चाय देना सीख गई,
गोल गोल रोटियां बनाना सीख गई 
जली हुई रोटियां खाना सीख गई... 


माँ अब मैं सब कुछ सीख गई, 
क्यूंकि अब मैं बेटी से बहु बन गई...
अब कच्ची पक्की सब्जियां नहीं बनाती, 
कुशल रसोइए का हुनर सीख गई, 
आटे दाल का भाव करना सीख गई, 
दुख में भी मैं मुस्कुराना सीख गई, 

माँ अब मैं सब कुछ सीख गई, 
क्यूंकि अब मैं बेटी से बहु बन गई...
सास ससुर के ताने सहना सीख गई,
अकेले में सुबक कर रोना सीख गई,
पति की घु‍डकियां सहना सीख गई,
कि मैं ज़िन्दगी जीने का हुनर सीख गई... 

माँ अब मैं सब कुछ सीख गई, 
क्यूंकि अब मैं बेटी से बहु बन गई...
कम पैसों में भी घर चलाना सीख गई,
अपने सपनों को मैं कुचलना सीख गई, 
तुम सबको भी मैं भूलना सीख गई, 
कि अपने ही वज़ूद से मुंह फेरना सीख गई... 

माँ अब मैं सब कुछ सीख गई, 
क्यूंकि अब मैं बेटी से बहु बन गई...
अपने दर्द को मैं छुपाना सीख गई,
बच्चों की खुशी में ही जीना सीख गई,
उनके सपनों को उड़ान देना सीख गई,
ऐ माँ तेरी ये बेटी आज ममता लुटाना सीख गई... 

माँ अब मैं सब कुछ सीख गई, 
क्यूंकि अब मैं बेटी से बहु बन गई...
आँसुओं को आँखों में छुपाना सीख गई 
लगी जो चोट तो ख़ुद मरहम लगाना सीख गई 
बेपरवाह जीने वाली सबकी परवाह करना सीख गई 
ख़ुद से पहले औरों का ख़्याल रखना सीख गई 


माँ अब मैं सब कुछ सीख गई, 
क्यूंकि अब मैं बेटी से बहु बन गई...
हर बात में सवाल करने वाली 
अब मौन रहना सीख गई 
छोटी सी बात पे आहत होने वाली 
दुनिया के दंश सहना सीख गई 
सबकी ख़ुशी मे ख़ुद की ख़ुशी तलाशना सीख गई 
बहु बनते ही मैं सारी दुनियादारी सीख गई... 

माँ अब मैं सब कुछ सीख गई, 
क्यूंकि अब मैं बेटी से बहु बन गई...
कभी पत्नी बन गई तो कभी माँ बन गई,
तेरी बेटी की अब ये नई पहचान बन गई,
क्या सही और क्या गलत ये सोचना भूल गई,
बस जो मिला उसी मे जीना सीख गई...

माँ अब मैं सब कुछ सीख गई, 
क्यूंकि अब मैं बेटी से बहु बन गई...

#SwetaBarnwal 
कठिन हुआ जब जीवन का रस्ता, 
माँ की गोद तब आई याद, 
बंद मिले जब सारे दरवाज़े, 
पिता का दामन तब आया याद... 

#SwetaBarnwal 

Monday 2 April 2018

भारत बंद

बात बात में भारत बंद कराने वाले,
तब क्यूँ चुप थे
 जब कश्मीर जल रहा था,
 जब भारत बंट रहा था,
 जब प्रतिभा आरक्षण की बलि चढ़ रही थी,
 जब देश में मासूमों के खून की होली हो रही थी,

बात बात में भारत बंद कराने वाले, 
तब क्यूँ चुप थे
 जब संसद पे हमला सरे आम हुआ,
 जब पूरी मुंबई लहूलुहान हो गई थी
 जब ताज होटल धू धू कर रहा था,
 जब अनेकों घोटालों के खुलासे हुए,
 जब सैनिकों का कत्लेआम हुआ,

बात बात में भारत बंद कराने वाले, 
तब क्यूँ चुप थे
 जब एक आतंकवादी के लिए
 आधी रात को देश का न्यायालय खुला,
 भारत माँ के सीने पर बैठ
 जब हिंदुस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए,

बात बात में भारत बंद कराने वाले, 
तब क्यूँ चुप थे
 जब किसान खुदकुशी कर रहे थे,
 मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति अपनाई जा रही थी,
 आसाम जल रहा था,  up लूट रहा था,
 अब भी चुप हो जब बंगाल जल रहा है,

बात बात में भारत बंद कराने वाले, 
तब क्यूँ चुप थे
 गर तब कुछ ना बोला, तो बंद करो अब ये रोना 
 बंद करो यूं बात-बात पर भारत बन्दी का ड्रामा 
 अब हम जाग चुके हैं, देशभक्ति की है प्रबल भावना, 
 चाहे जो कर लो, पर अब भारत बंद नहीं होगा... 


#SwetaBarnwal 

Sunday 1 April 2018

जितनी शिद्दत से तुम मोहब्बत के वादे करते हो,
बस एक बार उतनी ही शिद्दत से निभा जाओ इसे...

#SwetaBarnwal 
सब कुछ पाना ही नहीं है मोहब्बत,
कभी-कभी सब कुछ खो देना भी है मोहब्बत...

#SwetaBarnwal 
मेरे दिल की दहलीज़ पे 
जो तूने रखे हैं प्यार से कदम, 
आख़िरी साँस भी 
तेरे नाम कर दूँ ऐ मेरे हमदम... 
तू चाहे ना चाहे मुझे 
ये तो है बस तेरी रज़ा, 
हम तो चाहेंगे तुझे 
इस जनम, उस जनम, हर जनम... 

#SwetaBarnwal 

ऐ विधाता...!

 ऐ विधाता...! ना जाने तू कैसे खेल खिलाता है...  किसी पे अपना सारा प्यार लुटाते हो, और किसी को जीवन भर तरसाते हो,  कोई लाखों की किस्मत का माल...