Wednesday 31 October 2018

अधूरी मोहब्बत... 😒

नज़रों से दूर मग़र दिल के करीब था वो,
मिल कर जो बिछड़ा मेरा नसीब था वो,
चाहत थी ताउम्र साथ निभाने की जिसकी,
चार कदम भी मेरे साथ चल ना पाया वो,
ना पाने की आरज़ू ना बिछड़ने का कोई गम,
प्यारा सा रिश्ता अपना बड़ा अजीब था वो,
कभी मेरी बातों में कभी यादों में मौजूद था,
कभी मेरे आँसुओं मे कभी मुस्कान मे था वो,
मेरी साँसों में था कभी मेरी रूह में समाया था,
ना था तो बस किस्मत की लकीरों मे ना था वो,
बेइंतहा चाहत थी पाने की कोई आरज़ू नही,
अनजान थे रास्ते दिल मे कोई जुस्तजू नहीं,
नज़रों से दूर मग़र दिल के करीब था वो,
मिल कर जो बिछड़ा मेरा नसीब था वो...

#SwetaBarnwal



Tuesday 30 October 2018

दगा देने वाले भी वफ़ा की बात कर गए,
हम रोते रह गए और वो पार उतर गए...

#SwetaBarnwal
मेरी ज़िन्दगी का वो पन्ना
जिस पर तेरा नाम लिखा था,
आज अपने ही हाथों तूने
उसे जला कर खाक कर दिया...

#SwetaBarnwal 
जान तुम अपनी संभाल कर रखना,
ये तुम्हारे पास हमारी अमानत है,
दे सको तो अपनी जिंदगी का दो पल देना,
इससे ज्यादा और ना कोई चाहत है...

#SwetaBarnwal
जिस पल तुमसे मिले थे कभी हम,
वो पल आज भी तेरी याद मे गुज़ारते हैं हम...

#SwetaBarnwal
Ham वफ़ा की कोई मुरत to नहीं,
Par वादा है बेवफ़ाई की सौगात ना देंगे कभी...
आँखों में बसा कर
कोई हमे नज़रों से गिरा ना दे,
बहुत डरते हैं हम
कोई अपना बना के भुला ना दे

#SwetaBarnwal
वादे करना
फ़िर उनसे मुकरना
शायद ये उनका
शौख है पुराना...

#SwetaBarnwal
दिल जब भी टूटा,
वजह कोई दिलबर ही था...

#SwetaBarnwal
हमे तो कबूल है
हर बेवफ़ाई भी उनकी,
वो आकर एकबार
हमसे कह तो जाएँ
अच्छा लगता है हमे
तेरा टूट कर बिखर जाना...

#SwetaBarnwal
आँखों में बसा कर
कोई हमे नज़रों से गिरा ना दे,
बहुत डरते हैं हम
कोई अपना बना के भुला ना दे

#SwetaBarnwal
ओ जाने वाले मुसाफिर
एक बात तू भी सुनता जा
जाने से पहले एक बार
हमे ख़ुद से जुदा करता जा...

#SwetaBarnwal 
आपसे रोज़ बात करने को दिल चाहता है​​,​
बहुत ​कुछ कहने सुनने को ये दिल चाहता है,​
​पर आप इस कदर नज़रें फेर बैठे हैं हमसे,
​हमेशा के लिए रूठ जाने को दिल चाहता है​।

#SwetaBarnwal

Sunday 28 October 2018

ये तुम्हारी आँखें...

ख़ामोश रह कर भी बहुत कुछ बोलती है तुम्हारी आँखें,
मन में मयूर सा डोलता है मेरे देख कर ये तुम्हारी आँखें,
स्वप्न सुंदरी हो तुम कोई या हो कोई स्वर्ग की अप्सरा सी,
एक नशा सा छा जाता है मन मे देख कर तुम्हारी आँखें,

कभी छलकती है कभी बरसती है ये तुम्हारी आँखें
ना जाने ख़ामोशी से क्या कुछ पाने को तरसती है ये आँखें
कभी कोई सुमधुर संगीत है, कभी किसी शायर की ग़ज़ल
खिलता कमल है चेहरा तेरा, झील सी है ये तुम्हारी आँखें

सज़दे मे झुक जाऊँ जिसके ख़ुदा की शक्ल है तुम्हारी आँखें
सादगी से भरी है ये एक जादू सा छाया है इन आँखों में
उठे जो पलकें हो जाए सवेरा ये झुके तो छाए अंधियारी
ख़ुद उस ईश्वर की खूबसूरत अमानत है ये तुम्हारी आँखें...

ख़ामोश रह कर भी बहुत कुछ बोलती है तुम्हारी आँखें...
मन में मयूर सा डोलता है मेरे देख कर ये तुम्हारी आँखें,
स्वप्न सुंदरी हो तुम कोई या हो कोई स्वर्ग की अप्सरा सी,
एक नशा सा छा जाता है मन मे देख कर तुम्हारी आँखें...

#SwetaBarnwal





वो दिल मे मोहब्बत और नज़रों में करम रखते हैं,
हम भी कितने पागल हैं जो ऐसे भरम रखते हैं...

#SwetaBarnwal

Thursday 25 October 2018

जब से मेरे दिल ने तुझे चाहा,
ज़िन्दगी से हमने और कुछ ना चाहा...

#SwetaBarnwal
ख्वाब अधूरे अरमान अधूरे,
बिन तेरे हर जज़्बात अधूरे...

#SwetaBarnwal
ख़ुद को खोकर तुझको पाया,
तुझको खो दूँ तो क्या रह जाएगा मेरा...

#SwetaBarnwal
अक्सर जिसे प्यार की कद्र नहीं होती
इत्तेफाक से उसी को चाहता है ये दिल...!!

#SwetaBarnwal 

जो लफ़्ज़ों को समझ ना पाए,
वो भला नज़रों को क्या पढ़ पाएंगे...

#SwetaBarnwal
जिसे आपने दिल से चाहा
उसके दिल का हाल भी ना जान पाए,
ये मोहब्बत है
या फ़िर बेख्याली का मंजर...

#SwetaBarnwal

Tuesday 23 October 2018

ना जाने कैसी है ये मोहब्बत..!
बयां करो तो बदनामी जीने ना दे,
और ख़ामोश रहो तो गुमनामी मरने ना दे...

#SwetaBarnwal
मोहब्बत का तेरे कर्ज हम कुछ इस तरह से अदा करेंगे,
तुम यादों में शामिल करोगे और हम रूबरू हो जाएंगे...

#SwetaBarnwal

मोहब्बत मे उन्होने जब
हमसे हिसाब मांगा,
हमने भी कह दिया
मोहब्बत तो छोड़ो
सिर्फ मेरे आँसुओं का
जो हिसाब लगा
तो कर्जदार हो कर
रह जाओगे...

#SwetaBarnwal

ये दामन है एक खूबसूरत सफ़ेद चादर सी,
कोई हवा भी गुज़रे तो कालिख सी लग जाती है...

#SwetaBarnwal
ज़िंदगी की मसरूफ़ीयत मे तुम इतने भी मसरूफ़ ना हो जाओ, 
जो तुझ पर दिल-ओ-जान से मरते हैं उन को ही वक़्त देना भूल जाओ...
शायद ये मसरूफ़ीयत ले जाए तुम्हें तुम्हारी मंज़िल पर,
पर कहीं ऐसा ना हो तुम अपनों से बहुत दूर हो जाओ... 

#SwetaBarnwal

Monday 22 October 2018

हर लम्हा तेरे इश्क का पैगाम दे रहा है,
ये तेरा झूठा इज़हार मेरी जान ले रहा है।

#SwetaBarnwal 

ना मिलने की खुशी
ना बिछड़ने का गम,
फ़िर भी हम तुझसे
बेइन्तेहां मोहब्बत
करते हैं सनम...

#SwetaBarnwal

मन नहीं करता...

ज़िन्दगी क्या थी अब क्या हो गई,
जो चाहा वो कभी पाया नहीं
और जो पाया उसे चाहना आया नहीं,
अब तो और कुछ पाने का मन नहीं करता,

रोते रोते हंस दिया करते थे कभी
अब तो मुस्कुराने का भी मन नहीं करता,

लुटाई थी जिसकी चाहत में हर आरज़ू
अब तो उसे भी चाहने का मन नहीं करता,

क्या क्या ना ख्वाब सजाए थे आँखों ने
अब उन ख्वाबों को देखने का भी मन नहीं करता,

हर आहट पे चौंक उठते थे कभी
अब तो बस पथराई सी आँखें हैं
ना जाने शून्य में किसकी तलाश है
अब और किसी से दिल लगाने का मन नहीं करता,

तेरी चाहत में इस कदर मगरूर हो गए हम
अब किसी और को अपना बनाने का मन नहीं करता,

जाओ जी लो तुम अपनी ज़िंदगी यारा
हमे तो अब और जीने का भी मन नहीं करता...

#SwetaBarnwal
नामुमकिन सा यारा हमने भी एक ख्वाब देखा है,
ख्वाब में उनको अपने बिलकुल पास देखा है,
पल भर की भी फ़ुर्सत नहीं जिनके पास हमारे लिए,
ख्वाब में ही सही हमने उन्हें अपना इंतज़ार करते देखा है...

#SwetaBarnwal

Friday 19 October 2018

जी चाहता है...

जी चाहता है आज कुछ बयां करूं,
जो दिल में है मेरे उसका ऐलान करूं,
तुझसे है मोहब्बत ये जानते हैं हम,
आज ये इज़हार मैं सरे आम करूं,
ख्वाबों में तो तुम हर रोज मिलते हो,
हकीकत जो हो जाए वो अल्फाज़ लिखूं,
हर पल जो छाया रहता है मुझपे नशा सा,
दिल की हर धड़कन मैं तेरे नाम लिखूं,
ख्यालों में जो हर वक़्त एहसास होता है,
जी चाहता है उसे लफ़्ज़ों में बयां करूं,
जिस्म हूँ मैं तेरी और मेरी जान हो तुम,
सारी ज़िंदगी आज मैं बस तेरे नाम लिखूं...

#SwetaBarnwal






भागम भाग...

हम भी भाग रहे हैं  तुम भी भाग रहे हो, 
हर आदमी यहां देखो ख़ुद से भाग रहा है,
कोई यहां पैसे के पीछे भाग रहा है
तो कोई शोहरत के पीछे भाग रहा है
कोई यादों से भाग रहा है तो कोई वादों से,
कोई बातों से भाग रहा है तो कोई इरादों से,
कोई सच से भाग रहा है तो कोई झूठ से,
कोई ज़िंदगी से भाग रहा है तो कोई मौत से,
कोई अपनों से भाग रहा है तो कोई अपने आप से,
ना जाने कैसी ये प्यास है किससे लगाया सबने रेस है,
पर इतना तो तय है कि यहां सब भाग रहे हैं,
आगे बढ़ने की चाह में ख़ुद से पीछे रह गए हैं,
ना जाने हम सब क्या से क्या हो गए हैं...

#SwetaBarnwal 

Wednesday 17 October 2018

अब हम पहले की तरह रोज़ नहीं करते हैं उनसे बात,
ख़्याल आते ही उनका उमड़ पड़ते हैं हमारे जज़्बात,
उन्हें तो कभी फ़र्क नहीं पड़ता रत्ती भर भी,
और धराशाई हो कर रह जाते हैं हमारे सारे एहसासात...

#SwetaBarnwal

Tuesday 16 October 2018

एक मायूसी...😢

अपनी बंजर पड़ी ज़िंदगी को संवारते रही,
जो टूट गया साख से उसको फ़िर जोड़ती रही,

सारी ज़िंदगी निकल गई अपनी कश्मकश में,
रात हुआ तो आँसुओं से तकिये को भिगोते रही,

दफ्न कर दिया अपनी ख्वाहिशों को कब्र में,
फ़िर ताउम्र उस कब्र को मैं खोदती रही,

दर्द का बवंडर ले उड़ा मेरी खुशियों को,
गुब्बार की भांति हर पल मैं फ़िर भटकती रही,

कितने प्यार से यादों को तेरी संजोया था मैंने,
अब उन यादों की आग में खुद को जलाती रही,

बाकी बची है कुछ ही साँसें अपनी उधार की,
मौत से पहले कई बार ख़ुद को मैं मारती रही,

किसी की बद्दुआ थी या थी कोई मेरी ही ख़ता,
मैं जितना सुलझाती रही ज़िन्दगी उलझती रही,

अब अपने होने का एहसास भी ख़त्म होने लगा,
गुमनामी के अंधेरे मे यूं जैसे मैं गुम होती रही...


#SwetaBarnwal




Monday 15 October 2018

चाहती हूँ बस...

चाहती हूँ बस मैं तेरे दिल में मेरा ही डेरा हो,
हर पल हर शय बस तू मेरी ही यादों से घिरा हो,

गर तू चाँद है तो तेरी चांदनी सिर्फ़ मुझपे बरसे,
गर तू सूरज है तो तेरी हर धूप सिर्फ़ मुझपे खिले,

चाहती हूँ बस तारों भरी रात हो और तु मेरे साथ हो,
हर पल तू मुझे निहारे, तेरी आँखों में मेरे ही ख्वाब हो,

चाहती हूँ तेरी किस्मत मैं संवारना तुझे दिल में बसाना,
तेरे हाथों में मोहब्बत की लकीरों में नाम सिर्फ़ मेरा हो,

चाहती हूँ बस तेरे साथ मेरी ज़िंदगी की हर शाम गुज़रे,
हर लम्हा हर आरज़ू तेरी ज़िंदगी का कुर्बान बस मुझपे हो,

मैं फूल बन खिलती रहूँ तुम खुशबु बन महकते रहो,
चाहती हूँ बस हर जनम तुम मेरे ही दामन से उलझते रहो,

तेरी हर सुबह मुझसे हो तेरी हर शाम मुझपे ही ढले,
चाहती हूँ बस तेरी ज़िंदगी सिर्फ़ मेरी पनाहों में ही गुज़रे ...

#SwetaBarnwal







तुम...

जब से हिस्सा बन गए हो तुम
मेरे अफसाने का,
एक मज़ा सा आ गया है
मेरे जीने मे,
अल्फाज़ों को अब हम
जोड़ने लगे,
तेरे मोहब्बत के गीत हम
गुनगुनाने लगे,
हर वक़्त यूँ तुम मुझ मे
समाए से रहते हो,
एक नशा सा जैसे मुझपर
छाया सा रहता है,
जो कभी दुहरा ना सकूँ
वो गीत बन गए हो,
मेरे इस मन के तुम जैसे
मीत बन गए हो,
जीवन बगिया के सुमधुर
संगीत बन गए हो,
जो कभी ना जुदा हो पाए
वो जान बन गए हो ...

#SwetaBarnwal







चाहत में अगर शब्दों की चाशनी डाल दो,
फ़िर देखना मोहब्बत बढ़ती जाती है...

#SwetaBarnwal
देखो ना तेरी बेख्याली भी कमाल कर गई,
तुझे चाहने की चाहत इस दिल में ही मर गई...

#SwetaBarnwal 

Sunday 14 October 2018

मोहब्बत है तो फ़िर ख़ामोश ना रहा करो,
अक्सर इन ख़ामोशियों मे कई रिश्ते दम तोड़ देते हैं...

#SwetaBarnwal 
ना तेरी तस्वीर, ना तेरा ख्याल,
ना तेरी याद और ना तेरा ख्वाब,
कुछ भी तो नहीं संजोया है मैंने तेरा,
फ़िर भी तेरे सिवा कुछ भी तो नहीं है यहाँ...

#SwetaBarnwal

हम तो कलम के जादूगर हैं
शब्दों से खेलते हैं,
जब भी मन मचलता है हमारा
दर्द मे भी सुनहरे ख्वाब बुनते हैं...

#SwetaBarnwal

ज़िंदगी तो गुज़र ही जाएगी अपने रफ़्तार से,
फ़िर चाहे कोई छूटे, कोई रूठे या ये दिल टूटे...

#SwetaBarnwal

इस जहाँ से अलग
हम नया दस्तूर बनाएंगे,
जो कभी किसी की ना पूरी हुई,
हम उसे मुकम्मल कर नई दास्तां लिख जाएंगे...
मोहब्बत की तो बात ही छोड़ो,
हम मौत को भी मोहब्बत के अंदाज़ सिखाएंगे...

#SwetaBarnwal

तुम मेरे हो...

मेरे मन के किसी कोने में छुपा एहसास हो तुम,
मेरे इस सूने से जीवन में प्यार की मिठास हो तुम,
जो अब तक मुझ तक ही सीमित था तुम भी जान लो,
तुम मेरे हो, सिर्फ़ मेरे, हाँ तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरे हो...

उलझी सी है ये जीवन बगिया, तुम उसके पालनहार हो,
भँवर में अटकी नैया अपनी, तुम उसके खेवनहार हो,
महसूस किया करती हूँ मैं हरदम हर पल जिसको,
तुम मेरे हो, सिर्फ़ मेरे, हाँ तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरे हो...

रास्ता भी तुम हो मेरे सफ़र की मंज़िल भी तुम ही हो,
तुम सागर हो मेरे मन का और मैं तेरा किनारा हूँ,
मेरा जीवन बिखरा सा, और तुम सुनहरा धूप सा,
तुम मेरे हो, सिर्फ़ मेरे, हाँ तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरे हो...

एक सादगी सी बातों में, एक चाहत का एहसास लिए,
एक अनजाना सा बंधन है, दिल में प्यार का पैगाम लिए,
एक ख़ामोशी सी छाई है, फिर भी हर बार यही दुहराता है,
तुम मेरे हो, सिर्फ़ मेरे, हाँ तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरे हो...

जन्मों का ये बंधन है, कोई किस्मत की बात नहीं,
हम तुम मिलते आएंगे, कोई दो पल का ये साथ नहीं,
मेरे लफ्ज़ मेरी कविता हो तुम, मेरे इश्क़ की गीता हो तुम,
हाँ तुम मेरे हो, सिर्फ़ मेरे, हाँ तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरे हो...

#SwetaBarnwal











Thursday 11 October 2018

किसी ने कहा हमसे ;

औरो की तरह हम नही लिखते है
डायरियां..!!
बस याद तुम्हारी आती है
और बन जाती है शायरियां..

तो हमने भी कह दिया ;


जिसकी याद में आप
शायरियाँ बनाते हो,
क्या कभी उसको भी
ये एहसास कराते हो...

#SwetaBarnwal
जानती हूँ
खुशियों की सौदागर ये पूरी दुनिया है,
मगर याद रखना
जब भी तुम गम बेचोगे पहले खरीदार हम होंगे...

#SwetaBarnwal

Tuesday 9 October 2018

आ जाना...

उन भूली बिसरी यादों को
एक बार संजोने आ जाना,
जो किये थे वादे कभी तूने
एक बार उसको निभाने आ जाना,
है सदियों से तेरा ही इंतज़ार,
बस एक झलक दिखाने आ जाना,
जिन आँखों पे मरते थे तुम
उनसे गिरते आँसू पोछने आ जाना,
इन लबों पे एक बार वही
तुम हंसी सजाने आ जाना,
इश्क़ से ऐतबार उठ ना जाए,
बस उस इश्क़ की लाज़ रखने आ जाना...

#SwetaBarnwal

Monday 8 October 2018

दिल धड़क जाए तेरा बस नाम से मेरे,
ऐ ख़ुदा कुछ तो ऐसी इनायत कर दे...

#SwetaBarnwal 

तुम तुम ना रहे...

बात बस इतनी सी है यारा
कि अब तुम तुम ना रहे,

ना वो बातें रही
ना वो मुलाकातें रही,
ना वो प्यार का एहसास
दिल में तेरे बाकी रहा,
बात बस इतनी सी है यारा 
कि अब तुम तुम ना रहे, 

ना वो अल्फाज़ रहे
ना वो जज़्बात रहे,
ना वो प्यार का मौसम रहा
ना वो अंदाज़-ए-बयां रहा,
बात बस इतनी सी है यारा 
कि अब तुम तुम ना रहे, 

ना वो तेरी चुहलबाजीयां रही, 
ना वो मदमस्त निगाहें रही,
ना तेरी आँखों में वो चाहत रही, 
ना उन आँखों में मेरे लिए तड़प रही, 
बात बस इतनी सी है यारा 
कि अब तुम तुम ना रहे, 

कभी तेरा भी दिल तड़पता था, 
बेचैन होता था तू मेरे लिए,
इंतज़ार तुझे भी रहता था मेरे आने का, 
अब तो बस बेरुखी का आलम है, 
बात बस इतनी सी है यारा 
कि अब तुम तुम ना रहे,

तेरी पनाहों में सुकून मिलता था मुझे,
तेरे दीदार को तरसता था ये मन, 
आज है सिर्फ़ एकतरफा मोहब्बत
और सदियों का इंतज़ार मेरी आँखों में
बात बस इतनी सी है यारा
कि अब तुम तुम ना रहे...


#SwetaBarnwal









हवा में आज ये खुशबु कैसी,
लगता है तुझे छू कर आई है...

#SwetaBarnwal 
जिन लम्हों में तुम शामिल ना हो,
ऐसा कोई लम्हा हमने जिया नहीं,
तुझसे जुदा हो कर जीना पड़े,
वो ख्वाब हमने कभी देखा नहीं...

#SwetaBarnwal 
ऐसा कोई पल नहीं होता,
जब तेरे होने का एहसास नहीं होता...
सांसे तो आती जाती रहती है,
तेरी याद उन साँसों से पहले आती है...


#SwetaBarnwal 

Sunday 7 October 2018

ऐ ज़िंदगी...!
अब मेरा हिसाब कर दे,
थोड़े मे ही सही
मुझको बेहिसाब कर दे...

#SwetaBarnwal 
तुझसे दूर जाते जाते हम
तेरे और करीब हो गए...
हम तेरी चाहत ना बन सके,
और तुम मेरा नसीब हो गए ..

#SwetaBarnwal
आप से तुम
तुम से तू कहने लगे,
जो कभी दूर थे
वो अब रूबरू होने लगे...

#SwetaBarnwal

किसी शाम आ जाओ तुम चाय पर...

किसी शाम आ जाओ
तुम चाय पर
हमसे मिलने
किसी बहाने से,

मिल बैठेंगे संग संग
उड़ेंगे जज़्बातों के रंग
दो घड़ी दो पल
या फिर दो लम्हें,
मुट्ठी में बांध
कैद कर उन्हें ले जाएंगे,

किसी शाम आ जाओ
तुम चाय पर

कुछ यादों के 
किस्से बुनेंगे, 
कुछ अहसासों के
धुएं उड़ेंगे,
कुछ कदम हम तुम
संग चलेंगे,

किसी शाम आ जाओ
तुम चाय पर

कुछ अपनी कहेंगे
कुछ तुम्हारी सुनेंगे,
जी भर कर फिर हम
बातें करेंगे,
उन लम्हों में हम
फ़िर से सदीयां जियेंगे,

किसी शाम आ जाओ
तुम चाय पर

तेरे साने पे रख के सर 
तुझसे तेरी ही बातें करेंगे, 
कुछ रह जाए बाकि गर 
आँखों में पढ़ जाना तुम, 
उन लम्हों में ही 
सौ जन्मों को हम जियेंगे, 

किसी शाम आ जाओ
तुम चाय पर

यूँ ही साथ बैठेंगे
हंसेंगे हसाएंगे,
कुछ कहकहे लगाएंगे
कोई धुन गुनगुनाएंगे,
तुम सुर देना
और हम ताल मिलाएँगे,
एक दूजे की बाहों में
हम यूँ ही झूल जाएंगे,

किसी शाम आ जाओ
तुम चाय पर

बहुत थक चुकी है ज़िंदगी
इस कदर भागते भागते,
कुछ पल सुकून से
हम तुम साथ बिताएंगे
इस भागम भाग की ज़िंदगी में
कुछ लम्हें खुशी की जिएंगे,

किसी शाम आ जाओ
तुम चाय पर
हमसे मिलने
किसी बहाने से... 


#SwetaBarnwal




तेरी हर एक आवाज़ पे हम फिदा हैं,
इन्हें ख़ामोशियों में ना बांधों तुम,
हमारी मोहब्बत को किसी दायरे में ना समेटो तुम,
ये तो बेइंतहा, बेहिसाब और बेपनाह है...

#SwetaBarnwal 

तेरी बेरुखी ने हमे
मजबूर कर दिया,
तेरे इश्क़ मे क्या पड़ी
मगरूर कर दिया,
सोचा छोड़ जाऊँ
तुझे भी दर्दे दिल देकर,
पर मेरे चाहत की
इन्तेहां तो देखो,
तुझसे दूर होते होते
हमने ख़ुद को खुद से
दूर कर लिया...

#SwetaBarnwal
जिस दिल में हम रहें एहसास बनकर,
वहां दर्द का कोई बावस्ता नहीं...

#SwetaBarnwal
ज़िन्दगी फिसलती जा रही है अपने हाथों से
रेत की तरह,
पर वो इश्क़ आजतक ना मिला जो हमें
मुकम्मल कर जाए...

#SwetaBarnwal

Saturday 6 October 2018

तेरी नज़रअंदाज़गी और बेरुखी ने ही सील दिये हैं होंठ मेरे,

अब तुम्हीं बताओ कैसे कहूँ  कि तेरी बहुत याद आती है...!!

#SwetaBarnwal 

Friday 5 October 2018

स्त्री...

मुमकिन नहीं है शब्दों में
ख़ुद को कभी बांध पाऊं,
जो चाहूं कभी लिखना
कुछ अपने बारे में,
उनको कागज पर
मैं उतार पाऊं,
कोई अपना हो कर भी
अपना नहीं है,
कोई कुछ ना हो कर भी
सबकुछ लगता है,
जी चाहता है अब
तोड़ दूँ सारी हदें
उड़ जाऊं इस कैद से
छू लूँ ऊंचे आसमां को,
गर एक साथ जो तेरा
मिल जाए मुझको
ख़ुद से ख़ुद की मैं
पहचान करा जाऊं,
ऐ यारा...! बस कर दे
इतना सा करम,
बिखर कर खुद
मैं तुझमे समा जाऊं...

#SwetaBarnwal

Thursday 4 October 2018


कुछ लोग बिना मिले सदियों का बंधन जोड़ जाते हैं,
और कुछ लोग तो मिल कर भी अजनवी रह जाते हैं...

#SwetaBarnwal

Tuesday 2 October 2018

Kuchh dil k nazma parosti hun,
Kuchh दुनिया k gum chura lati hun,
Kuchh hal-e-dil suna jati hun,
Kuchh ankahe jazbat bayan kar jati hun,
Mere shabdon se dil na lagana yaron,
In shabdon se दिल me toofan macha jati hun....

Sweta Barnwal

ऐ विधाता...!

 ऐ विधाता...! ना जाने तू कैसे खेल खिलाता है...  किसी पे अपना सारा प्यार लुटाते हो, और किसी को जीवन भर तरसाते हो,  कोई लाखों की किस्मत का माल...