Monday 22 June 2020

यारों के भी यार है हम,
सब के दिल पर करते राज हैं हम 
दिल से निभाते हैं हर रिश्ता, 
करते नहीं कोई व्यापार है हम...

#SwetaBarnwal
हमसे दूर जाना चाहोगे तो भी तुम जा ना पाओगे,
तेरे हिस्से की दोस्ती भी हम दिल-ओ-जान से निभाएंगे...

#SwetaBarnwal

Sunday 21 June 2020

रगों मे देश प्रेम और दिलों में जोश रहता है,
ये हिंद का सिपाही है, ये मौत से कब डरता है...

#SwetaBarnwal

Wednesday 10 June 2020

चन्द लम्हें...

यूँ अचानक किसी मोड़ पर, 
एक रोज़ उनसे टकरा गए, 
मिली जो नजरों से नज़र,
दिल में दफन अनकही बातेँ 
लबों पर आने लगी, 
कदम लड़खड़ाने लगे,
आंखें शर्माने लगी, 
हुआ कुछ ऐसा असर
ना वो रहे होश में 
और ना ही मुझको कोई खबर, 
चंद लम्हों मे जैसे 
सदियां गुज़र गई, 
ये जो लुढ़क कर 
दामन में हमारे 
वक़्त आ गया, 
गुज़रा हुआ कल 
पल में आज हो गया, 
उलझी हुई थी ज़िन्दगी, 
मिली जो उनसे 
तो गुलज़ार हो गई, 
ख़ुद से ही जैसे मैं 
बेज़ार हो गई, 
फ़िर से गुम ना हो जाए 
ये लम्हा कहीं, 
यही सोच हाथ बढ़ाया 
समेटने को इसे, 
अगले ही पल 
नींद टूटी और 
ख़ुद को तन्हा पाया, 
जो किस्मत में ही नहीं 
जाने वो कैसे सपनों में आया, 
झूठे ख्यालों से ही सही 
मेरे मन को हर्षाया... 


#SwetaBarnwal 

अमर प्रेम...

कोई नाता नहीं 
फ़िर भी खास है वो, 
लगता है जैसे 
हर पल पास है वो, 
अनजानी सी डोर है, 
खिंचे उसकी ओर है, 
इस जन्म का या फिर 
कई जन्मों का, 
पता नहीं ये
कैसा बंधन है, 
ना रस्मों रिवाज़ की 
बंदिश कोई, 
ना इस रिश्ते का 
कोई नाम है, 
ना मानो तो 
कुछ नहीं 
और मानो तो 
राधा कृष्ण का 
प्यार है, 
कुछ ऐसे भी 
रिश्ते होते हैं 
जो बिन रस्मों के 
बंध जाते हैं, 
ना जाने ऐसे रिश्ते 
दुनिया में क्या 
कहलाते हैं, 
ये दिल के 
रिश्ते होते हैं 
जो दिल ही दिल 
मे पलते हैं,
नाम ना दो 
कोई इसको, 
ये अमर प्रेम 
कहलाते हैं... 

#SwetaBarnwal 

रक्षक...

रोज की तरह आज फिर हम घर से निकले, 
दिल में फ़िर से वही अरमान लिए, 
सलामत रहे यह देश हमारा, 
चाहे फ़िर हम रहे ना रहे, 
सर पर बांधा है कफन हमने, 
हाथों में सजाये रखा है जान,
मौत आए तो कोई ग़म नहीं, 
रहे मुस्कराता देश हमारा ये कम नहीं, 
हम लड़ रहे यहां ताकि तुम सलामत रहो,
माना दुश्मन अनदेखा है, 
पर हौसला हमारा कम नहीं, 
कई रूप है हमारे, देश के प्रहरी है हम 
सड़क हो या अस्पताल हर जगह तैनात हम, 
कहीं डॉ के भेष मे तो कहीं सिपाही, 
कहीं सफाई कर्मचारी तो कहीं नर्स बन कर, 
कहीं भूखों का निवाला बन कर, 
कहीं गरीब और मजबूरों का सहारा बन कर, 
कहीं बन कर विज्ञान का हाथ 
भर रहे हैं ऊंची उड़ान, 
ताकि जीता रहे अपना हिन्दुस्तान... 

दिन रात डटे हैं हम इस जंग में, 
तुम रह सको बेखौफ घर में, 
ताकि जीता रहे अपना हिन्दुस्तान, 
हमने धर्म और मजहब की दीवारें नहीं देखी, 
हमने जात पात का मर्म ना जाना, 
बिना भेद भाव के सबकी सेवा की, 
किसी ने सराहा, किसी ने पलकों पे बिठाया, 
किसी ने थूका तो किसी ने तलवारें भी चलाई, 
किसी ने फूल बरसाये तो किसी ने पत्थर, 
हौसला हमारा तनिक ना डगमगाया, 
क्यूंकि हम हैं सिपाही हिंद-ए-वतन के, 
चाहे तुम सम्मान दो या खेलो हमारे प्राण से, 
खड़े रहेंगे हम शान से लड़ेंगे हम जी जान से, 
ताकि जीता रहे अपना हिन्दुस्तान... 

विपत्ति बड़ी है, सामने खड़ी है, 
हम लगातार लड रहे हैं और लड़ते रहेंगे, 
माना लड़ाई आसान ना होगी, 
जो दे दो तुम ज़रा सा साथ, 
कोई चुनौती इतनी बड़ी ना होगी, 
रहो तुम सुरक्षित घर के अंदर 
हम हैं तुम्हारी रक्षा के लिए हर पल तत्पर, 
जो कहते थे कभी साँस लेने की फुर्सत नहीं, 
आज वक़्त मिला है, जी भर कर जिओ, 
हमारी किस्मत में ना सही, तुम्हें तो मिला है, 
ये परिवार ही तो है जो नसीब वालों को मिला है, 
अपना हर फ़र्ज़ हम निभाएंगे, 
देश को इस बिमारी से बचाएंगे 
ताकि जीता रहे अपना हिन्दुस्तान... 


#SwetaBarnwal 

ऐ विधाता...!

 ऐ विधाता...! ना जाने तू कैसे खेल खिलाता है...  किसी पे अपना सारा प्यार लुटाते हो, और किसी को जीवन भर तरसाते हो,  कोई लाखों की किस्मत का माल...