कैसी ये दुनिया, है कैसी ये रीत,
नाज़ुक कंधों पर डाला जिम्मेदारियों का भीत,
रिवाज़ों के नाम पर ना बांधों इनको,
"बाल विवाह है एक अभिशाप" ये समझाओ सबको...
समझ नहीं जिन्हे रिश्तों की,
ना दुनियादारी की परवाह जिन्हें,
गुड्डे गुड़ियों से खेलना था जिनको,
थे देश के आने वाले कल के भविष्य जो,
रिवाज़ों के नाम पर ना बांधों इनको,
"बाल विवाह है एक अभिशाप" ये समझाओ सबको...
अच्छे बुरे का कोई ज्ञान नहीं,
ना अपने पराये का अहसास जिन्हें
ऐसे नाज़ुक कंधों पर तुमने,
अनचाहे रिश्तों का क्यूँ बोझ धरा,
रिवाज़ों के नाम पर ना बांधों इनको,
"बाल विवाह है एक अभिशाप" ये समझाओ सबको...
दोनों ही बच्चे हैं मासूम बहुत,
उन्मुक्त गगन में इनको उड़ने दो,
पंख दो इनको आशाओं के तुम,
रंगीन सपने इनको तुम बुनने दो,
रिवाज़ों के नाम पर ना बांधों इनको,
"बाल विवाह है एक अभिशाप" ये समझाओ सबको...
नाज़ुक सी कलियाँ हैं ये सारे,
विवाह बंधन में अभी ना बांधों इनको,
कुम्हला जाएंगे ये इन अनचाहे रिश्ते में,
कुछ और इन्हें तुम खिलने दो,
रिवाज़ों के नाम पर ना बांधों इनको,
"बाल विवाह है एक अभिशाप" ये समझाओ सबको...
#SwetaBarnwal