Thursday 3 October 2019

मोहब्बत इबादत है चुपचाप किजिये...
खुले आम सड़कों पर ना इसे बदनाम किजिये...

#SwetaBarnwal
काश कोई ऐसा होता मेरी भी ज़िंदगी मे,
साथ जिसके ख़ामोशी मे भी बात पूरी हो जाती,

#SwetaBarnwal

ऐ विधाता...!

 ऐ विधाता...! ना जाने तू कैसे खेल खिलाता है...  किसी पे अपना सारा प्यार लुटाते हो, और किसी को जीवन भर तरसाते हो,  कोई लाखों की किस्मत का माल...