मोहब्बत इबादत है चुपचाप किजिये...
खुले आम सड़कों पर ना इसे बदनाम किजिये...
#SwetaBarnwal
खुले आम सड़कों पर ना इसे बदनाम किजिये...
#SwetaBarnwal
ऐ विधाता...! ना जाने तू कैसे खेल खिलाता है... किसी पे अपना सारा प्यार लुटाते हो, और किसी को जीवन भर तरसाते हो, कोई लाखों की किस्मत का माल...