जिस घर के हर कोने को सजाने मे बहु और बेटियाँ अपनी सारी ज़िंदगी लगा देती है,
वही क्यूँ अक्सर सबके लिए पराई रह जाती है,
क्यूँ कभी कोई उसका घर नहीं होता है,
जिसके बिना घर संसार सूना होता है,
क्यूँ उसका घर के किसी कोने पर अधिकार नहीं होता है,
जो स्वयं सरस्वती का रूप होती है,
क्यूँ शिक्षा से वो वंचित रह जाती है,
क्यूँ लक्ष्मी स्वरुपा होकर भी वो तिरस्कृत होती है,
रण चंडी का अवतार होकर भी क्यूँ किसी की वासना का शिकार होती है,
दो दो घरों की लाज निभाने वाली ल़डकियों का क्यूँ अपना कोई परिवार नहीं होता...
#SWETABARNWAL
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