थोड़ी सी कदर मेरी भी तो कर लेते सजन,
तेरी ख़ातिर क्या क्या नहीं किए मैंने जतन,
माना तूने बहुत कुछ किया मेरे लिए,
पर मेरा किया भी तो कुछ कम ना था,
तेरी खुशियों के लिए ख़ुद को बदला,
अपना हर रिश्ता तोड़ा, हर हालात से किया समझौता,
तेरे घर को सहेजा, हर जिम्मेदारी बखुबी निभाई,
अकेले हर चुनौतियों का सामना किया,
तुम साथ तो हमेशा थे हमारे,
फ़िर भी हर सफ़र हमारा तन्हा रहा,
करती रही इंतजार हर मोड़ पर तुम्हारा,
पर झोली हमेशा हमारी ख़ाली रही,
खुशियाँ दस्तक देती रही दरवाजे पर हमारे,
और हम पलकों पर तेरे साथ का ख्वाब सजाते रहे,
काश..! थोड़ी सी कदर की होती तुमने हमारी,
एक कदम ही सही तुमने आगे बढ़ाया तो होता,
एक नज़र प्यार भर कर मेरी ओर देखा तो होता,
तेरा यूँ शक़ भरी नजरों से देखना अच्छा नहीं
थोड़ा सा मुझपर ऐतबार तो रखा होता,
पत्नि हूँ तुम्हारी थोड़ा सा तो मान रखा होता,
बहुत कुछ तो नहीं चाहा था मैंने तुमसे,
थोड़ा सा प्यार और थोड़ा सा मान,
छोटी सी ज़िंदगी और छोटा सा अरमान,
काश..! थोड़ा सा तो रहने देते मेरा भी स्वाभिमान...
#SWWTABARNWAL
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