आरज़ू बस इतनी कि
उन्हें भी हमारी जुस्तजू हो,
करें जो याद हम उनको,
उन्हें भी ये महसूस हो..
#SWETABARNWAL
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ऐ विधाता...! ना जाने तू कैसे खेल खिलाता है... किसी पे अपना सारा प्यार लुटाते हो, और किसी को जीवन भर तरसाते हो, कोई लाखों की किस्मत का माल...
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